PM Modi Oath Ceremony: देश में लोकसभा चुनाव खत्म हो गए और NDA को बहुमत मिल गया है. बहुमत मिलते ही BJP की अगुवाई वाली NDA की ओर से नई सरकार के गठन की कवायद शुरू कर दी गई. शुक्रवार को पुराने संसद भवन में संसदीय दल बैठक हुई और नरेंद्र मोदी को गठबंधन का नेता चुना गया. इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नरेंद्र मोदी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है. अब 9 जून की शाम को शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जाएगा. इस समारोह में भारत की पड़ोसी प्रथम नीति के तहत पड़ोसी देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल होने के लिए भारत पहुंचने लगे हैं. इसी कड़ी में मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू भी दिल्ली आ रहे हैं.
भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर ने मुइज्जू को सौंपा निमंत्रण
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत सरकार के प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए नरेंद्र मोदी का निमंत्रण स्वीकार कर लिया. मालदीव में भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर ने राष्ट्रपति कार्यालय में शिष्टाचार भेंट के दौरान राष्ट्रपति मुइज्जू को निमंत्रण पत्र दिया. इस बातचीत में उच्चायुक्त ने प्रधानमंत्री मोदी की ओर से शुभकामनाएं दी और कहा कि प्रधानमंत्री इस महत्वपूर्ण समारोह में राष्ट्रपति के शामिल होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जो भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उनका तीसरा शपथ ग्रहण समारोह है.
भारत के लिए जल्द रवाना होने वाले हैं राष्ट्रपति मुइज्जू
राष्ट्रपति ने निमंत्रण के लिए प्रधानमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होकर उन्हें सम्मानित महसूस होगा. उन्होंने यह भी कहा कि वह भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं. उन्होंने कहा कि मालदीव-भारत संबंध सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. राष्ट्रपति ने उच्चायुक्त को व्यक्तिगत रूप से निमंत्रण देने के लिए धन्यवाद दिया. हालांकि इस दौरान राष्ट्रपति मुइज्जू के कार्यालय ने यह खुलासा नहीं किया कि वह भारत के लिए कब रवाना होने वाले हैं.
चीन समर्थक राष्ट्रपति की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा
गौरतलब है कि, पिछले साल 17 नवंबर को पदभार संभालने के बाद यह चीन समर्थक राष्ट्रपति की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा होने वाली है. मुइज्जू के पहले के राष्ट्रपतियों ने पद संभालने के बाद सबसे पहले नई दिल्ली की यात्रा की थी, लेकिन इसके विपरीत मुइज्जू ने राष्ट्रपति बनते ही सबसे पहले तुर्किये और चीन की राजकीय यात्रा की थी. बता दें कि मुइज्जू ने राष्ट्रपति बनने से पहले ही मालदीव की ‘भारत पहले’ नीति को समाप्त करने का भी संकल्प लिया था, जिससे भारत के साथ संबंधों में तनाव पैदा हो गया है. उनकी सरकार ने 88 भारतीय सैनिकों को देश छोड़ने के लिए भी कहा गया. उनकी जगह भारत के असैन्य कर्मियों की तैनाती की गई थी.