भारत के खाते में डॉलर ही डॉलर, पाकिस्तान हुआ कंगाल! ट्रंप के एक फैसले ने पलट दी कहानी

यहां तक कि भारत का सोने का रिजर्व अब 800 टन से अधिक हो गया है, जो इस बात को साबित करता है कि भारत आर्थिक मोर्चे पर सुरक्षित कदम बढ़ा रहा है. इस बढ़ोतरी से ये उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में भारत में सोने की मांग और ज्यादा बढ़ेगी, क्योंकि केंद्रीय बजट 2025 में आयात शुल्क में कमी का प्रस्ताव है.
प्रतीकात्मक तस्वीर

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India Economy Growth: अगर हम बात करें एशिया के दो बड़े पड़ोसियों की, तो आपको पता ही होगा कि भारत और पाकिस्तान हमेशा से किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहते हैं. अब, इन दोनों देशों की आर्थिक स्थिति के बारे में एक ताज़ा और दिलचस्प खबर सामने आई है, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी कि दोनों देशों का आर्थिक भविष्य किस दिशा में जा सकता है.

भारत की अर्थव्यवस्था में इन दिनों कुछ अच्छी खबरें आ रही हैं. ऐसा लग रहा है जैसे भारत ने आर्थिक मोर्चे पर एक और बड़ी जीत हासिल कर ली हो! 24 जनवरी 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 7 हफ्तों बाद बढ़कर 5.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया. हैरान कर देने वाली बात यह है कि, इस बढ़ोतरी के बाद भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 0.5% और मजबूत हो गया है.

भारत की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत कैसे हुई?

आखिर ऐसा क्या हुआ है जो भारत की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत हुई? इसका जवाब एक बड़ा बदलाव है जो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था, यानी अमेरिका से आया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में अमेरिकी टैरिफ को स्थगित कर दिया. इसका सीधा असर एशियाई देशों पर पड़ा, और भारत का रुपया भी इससे फायदा उठा गया. इसका मतलब ये हुआ कि भारतीय रिजर्व बैंक को अब डॉलर खरीदने और भारतीय मुद्रा को मजबूत करने का एक और मौका मिल गया.

अब, अगर बात करें भारत के विदेशी मुद्रा भंडार की, तो ये बढ़ोतरी न सिर्फ भारत के लिए एक अच्छा संकेत है, बल्कि इससे भारत की आर्थिक ताकत भी दिखती है. भारत के पास अब सोने के रिजर्व और विशेष आहरण अधिकार (SDR) जैसे वित्तीय साधन भी बढ़ गए हैं. SDR एक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा है, जिसे IMF द्वारा उपयोग में लाया जाता है. यानी, जब दुनिया की बाकी मुद्राओं में कोई उतार-चढ़ाव आए, तब भारत के पास एक ऐसा सुरक्षित विकल्प है, जो उसे मुश्किल वक्त में सहारा दे सकता है.

यहां तक कि भारत का सोने का रिजर्व अब 800 टन से अधिक हो गया है, जो इस बात को साबित करता है कि भारत आर्थिक मोर्चे पर सुरक्षित कदम बढ़ा रहा है. इस बढ़ोतरी से ये उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में भारत में सोने की मांग और ज्यादा बढ़ेगी, क्योंकि केंद्रीय बजट 2025 में आयात शुल्क में कमी का प्रस्ताव है.

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आर्थिक संकट का सामना कर रहा है पाकिस्तान

अब दूसरी ओर पाकिस्तान की स्थिति कुछ खास अच्छी नहीं है. जब दुनियाभर में भारत की आर्थिक ताकत बढ़ रही है, पाकिस्तान पर एक और संकट ने दस्तक दी है. पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में 137.2 मिलियन डॉलर की कमी आई है. ये एक बड़ा झटका है, क्योंकि अब पाकिस्तान का कुल विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 16.05 बिलियन डॉलर रह गया है. और इस कमजोरी के चलते पाकिस्तान को एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.

क्या आपको लगता है कि ये कमियां पाकिस्तान के लिए ठीक हो सकती हैं? शायद नहीं! क्योंकि जब विदेशी मुद्रा भंडार घटता है, तो इसका मतलब है कि पाकिस्तान के पास कम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा है, जो उनके व्यापार, आयात और अन्य वित्तीय जरूरतों के लिए जरूरी होती है.

भारत और पाकिस्तान का आर्थिक मुकाबला

देखा जाए तो, भारत की स्थिति अब एक मजबूत और स्थिर स्थिति की ओर बढ़ रही है. इसके मुकाबले पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत ज्यादा संतुलित नहीं है. पाकिस्तान को अब अपने आर्थिक संकट से उबरने के लिए कुछ खास कदम उठाने होंगे, वरना उसकी स्थिति और भी ज्यादा मुश्किल हो सकती है.

आर्थिक सुपरपावर बन सकता है भारत ?

हो सकता है! भारत ने अपनी मुद्रास्फीति (inflation), नौकरी (job creation), और आर्थिक वृद्धि (growth) के मोर्चे पर कई मजबूत कदम उठाए हैं. साथ ही, भारत में सोने की बढ़ती मांग और विदेशी निवेश भी इसे एक स्थिर और बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना रहे हैं. इसके अलावा, भारत का आधिकारिक विदेशी मुद्रा भंडार अब मजबूत स्थिति में है, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि आने वाले समय में भारत की आर्थिक ताकत और बढ़ेगी.

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