BSF K9 Squad: रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने 12 से 16 फरवरी 2024 तक लखनऊ में 67वीं अखिल भारतीय पुलिस ड्यूटी मीट (AIPDM) का आयोजन किया. इस मीट के दौरान ‘ट्रेड ऑफ ट्रैकिंग’ में BSF K9 स्क्वाड ने DC डॉक्टर नीरज वर्मा की कप्तानी में रिया नामक स्वदेशी डॉग (ब्रीड मुधोल हाउंड) और उसके हैंडलर सीटी GD अशोक कुमार कुमावत के साथ पहला स्थान हासिल किया है. इस ट्रेड ऑफ ट्रैकिंग में विभिन्न विदेशी नस्लों के 116 डॉग्स के साथ कुल 43 टीमों ने हिस्सा लिया था.
इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा
ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी देसी ब्रीड के डॉग ने विदेशी ब्रीड के 41 डॉग्स को हरा कर पहला रैंक हासिल किया हो. बता दें कि कुछ साल पहले तक पुलिस और सेना में विदेशी ब्रीड के डॉग्स को ही ट्रेंनिंग दिया जाता था, लेकिन अब इसमें भारतीय ब्रीड के डॉग्स को भी ट्रेनिंग दी जाती रही है. लेकिन अब देसी डॉग्स को भी ट्रेंड किया जाता है. बताया गया है कि BSF K9 के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब किसी देसी ब्रीड ने न सिर्फ केवल भाग लिया हो बल्कि प्रतियोगिता जीती भी हो.
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बता दें कि 130 करोड़ की आबादी वाले भारत देश में अर्थव्यवस्था को देखते हुए पीएम मोदी ने “आत्मनिर्भर भारत” के लिए कदम बढ़ाते हुए “वोकल फॉर लोकल” पर ध्यान देने के लिए कहा है. वोकल फॉर लोकल का मतलब है देश में निर्मित वस्तुओं को खरीदें नहीं, बल्कि साथ में गर्व से इसका प्रचार भी किया जाए. इसी कड़ी में सेना में देसी डॉग्स को ट्रेनिंग देकर शामिल किया जा रहा है.
टेकनपुर ट्रेनिंग सेंटर देसी डॉग को दी जा रही है ट्रेनिंग
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीमा सुरक्षा बल के राष्ट्रीय श्वान प्रशिक्षण के केंद्र टेकनपुर में अलग-अलग फील्ड्स में सन 1970 से डॉग को ट्रेनिंग दी जा रही है. केंद्र ने अब तक करीब 10 हजार से ज्यादा श्वानों को प्रशिक्षित किया है, जो नारकोटिक्स, एक्सप्लोसिव, ट्रैकर, वाइल्ड लाइफ, माइंस डिटेक्शन सहित कई अन्य टास्कों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वहीं BSF की इस डॉग प्रशिक्षण आकदमी से प्रशिक्षित डॉग्स पड़ोसी देशों में भी नेपाल, भूटान सहित अन्य देशों में काम कर रहे हैं. यहां अब देसी ब्रीड के डॉग्स को ट्रेंनिंग दी जा रही है.
पीएम मोदी ने की थी अपील
राजा बाबू सिंह, IPS IG ट्रेंनिग बीसीएफ का कहना है, “देसी ब्रीड के डॉग्स को हमने ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया है. आने वाले कुछ सालों में फोर्स में और भी देसी ब्रीड के डॉग्स को शामिल किया जाएगा. राजा बाबू सिंह ने कहा कि ये पहली बार था जब 41 विदेशी डॉग्स को पीछे छोड़ते हुए किसी देसी डॉग ने AIPDM में गोल्ड मेडल अपने नाम किया हो.
बताते चलें कि अपनी चपलता, तेज नजर और अच्छे लुक के लिए जाने जाने वाले, इन लम्बे, दुबले-पतले-संरचित मुधोल डॉग्स में लंबी दूरी तक दौड़ने की क्षमता होती है, जिससे वे शिकार और देखने के लिए बेहद अनुकूल हो जाते हैं.