Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में हुई तख्तापलट के बाद से ही हालात स्थिर होते नहीं दिख रहे हैं. हिंदू और अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते हिंसा को लेकर अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने भी अपनी चिंता जाहिर की है. मौजूदा हालात को देखते हुए बड़ी तादाद में लोग बॉर्डर पार कर भारत में आना चाहते हैं, लेकिन सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने घुसपैठ की ऐसी कई कोशिशों को नाकाम कर दिया है. इसी कड़ी में सोमवार के दिन त्रिपुरा के खोवाई जिले में बांग्लादेश की ओर से घुसपैठ कर रहे कुछ लोगों को पकड़ा गया है. बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 12 से 15 बांग्लादेशी नागरिकों के एक ग्रुप ने खराब मौसम का फायदा उठाकर दिन के समय पहरमुरा सीमा चौकी के पास घुसपैठ का प्रयास किया था.
जानकारी यह भी है कि पुलिस ने रविवार रात अगरतला के बाहरी इलाके नंदननगर क्वार्टर चौमुहानी में चार बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था. न्यू कैपिटल कॉम्प्लेक्स पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी सुशांत देब ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पुलिस को इलाके में घूम रहे चार अज्ञात व्यक्तियों के बारे में खुफिया जानकारी मिली थी और उन्हें पकड़ लिया गया.
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“बांग्लादेश छोड़ लोग भारत क्यों आना चाहते हैं”
शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़ने के बाद से जारी हिंसा अब भी जारी है. अब सवाल यह उठता है कि क्यों लोग भारत की ओर बढ़ रहे हैं? तो इसका एक जवाब ‘असुरक्षा की भावना’ को माना जा सकता है. जिस तेजी से बांग्लादेश में हालात बदले हैं, वहां स्थिरता आना भी आसान नहीं दिखाई दे रहा है. अल्पसंख्यकों पर बढ़ रहे हमलों को लेकर भी चिंता बढ़ती जा रही है.
इस दौरान बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार का कहना है कि वह प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए काम कर रही है. मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक धर्म है और उनमें से कई हसीना की पार्टी अवामी लीग के समर्थक हैं. जिनके ऊपर लगातार हमले बढ़े हैं.
BSF ने सीमा पर बढ़ाई सुरक्षा
अगरतला में हिरासत में लिए गए लोगों ने शुरू में खुद को भारतीय नागरिक बताया था, लेकिन बाद में पूछताछ के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि वे चपई नवाबगंज जिले के बांग्लादेशी नागरिक हैं. उनकी पहचान अब्दुल कलाम, कमरुल जमान, नबीर हुसैन और मोहम्मद जुबैर के तौर पर हुई थी. उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है और उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा.
बांग्लादेश के हालात को देखते हुए बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है. बीएसएफ (त्रिपुरा फ्रंटियर्स) के महानिरीक्षक पटेल पीयूष पुरुषोत्तम दास ने भी पड़ोसी देश में चल रही हिंसा के मद्देनजर पिछले सप्ताह उत्तरी त्रिपुरा और उनाकोटी जिलों के सीमावर्ती क्षेत्रों का दो दिवसीय दौरा किया था.