Bangladesh Violence: बांग्लादेश में इस्कॉन पर बैन लगाए जाने की मांग को ढाका हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. गुरुवार, 28 नवंबर को ढाका हाई कोर्ट ने बांग्लादेश में इस्कॉन की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने के आदेश पारित करने से इनकार कर दिया है. कोर्ट में सुनवाई के दौरान बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा कि इस्कॉन की गतिविधियों के खिलाफ हमने जरूरी कदम उठाए हैं.
राजद्रोह के आरोप में इस्कॉन मंदिर के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में संगठन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. चिन्मय प्रभु को जेल भेजे जाने के बाद बांग्लादेश में कई जगहों पर हिंसा हुई है. साथ ही इससे बांग्लादेश और भारत सरकार के रिश्तों में भी खटास आई है.
बता दें, बांग्लादेश के चटगांव में 26 नवंबर को इस्कॉन प्रमुख की जमानत नामंजूर कर दी गई थी. जिसके बाद हुई हिंसा में एक वकील सैफुल इस्लाम की जान चली गई. इसके बाद 27 नवंबर को बांग्लादेश हाईकोर्ट में इस्कॉन पर बैन लगाने की मांग को लेकर एक याचिका दायर की गई थी.
याचिका दायर करने वाले वकील ने कोर्ट में कहा था कि सैफुल की मौत के पीछे इस्कॉन के लोग शामिल हैं. ऐसे में इस संस्था को बैन कर दिया जाए. इस याचिका में चटगांव में इमरजेंसी घोषित करने की भी मांग की गई थी.
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इस याचिका पर बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल मुहम्मद असदुज्जमां ने इस्कॉन को एक धार्मिक कट्टरपंथी संगठन बताया था.
कार्यवाही के दौरान
ढाका हाई कोर्ट में आज की कार्यवाही के दौरान, अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने जस्टिस फराह महबूब और न्यायमूर्ति देबाशीष रॉय चौधरी की पीठ के समक्ष जानकारी दी, पीठ ने उम्मीद जताई कि सरकार बांग्लादेश के लोगों के जीवन और संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सतर्क रहेगी.