Jammu Kashmir Assembly Election 2024: जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में इस बार जिस नेता की सबसे ज्यादा चर्चा है, उनका नाम शेख अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद है. इंजीनियर राशिद लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद देश भर में तब जोरदार ढंग से चर्चा में आए थे जब उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हरा दिया था. बड़ी बात यह है कि यह चुनाव उन्होंने जेल में रहते हुए जीता था. राशिद इंजीनियर को हाल ही में जमानत मिली और अब वह जेल से बाहर हैं.
इंजीनियर राशिद की पार्टी का नाम अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) है. एआईपी ने प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के साथ गठबंधन में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ रही है. जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में राशिद इंजीनियर के विरोधी उन्हें बीजेपी का एजेंट और ‘दिल्ली का आदमी’ बताते हैं और उन पर यह आरोप लगाया जाता है कि वह चुनाव में वोटों का बंटवारा करने के लिए आए हैं.
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“चुनाव में अपना गुस्सा दिखाने चाहते हैं कश्मीर के लोग”
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में पहले चरण का मतदान हो चुका है जबकि दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर और तीसरे चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होगा और नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे. द इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में इंजीनियर राशिद ने तमाम मुद्दों पर अपनी बात सामने रखी है. इंजीनियर राशिद साढ़े 5 साल तक जेल में रहे. इस सवाल के जवाब में कि जेल से बाहर आने के बाद वह जम्मू-कश्मीर में क्या अंतर देखते हैं, वह कहते हैं कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद लोग चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लेना चाहते हैं और ऐसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नया कश्मीर के वादे की वजह से नहीं हुआ है बल्कि इस वजह से हुआ है कि लोग महसूस करते हैं कि उन्हें दबाया गया है.
राशिद कहते हैं कि तिहाड़ जेल में दो दर्जन से ज्यादा युवा ऐसे थे, जिन्हें सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से मुकदमे दर्ज कर जेल भेज दिया गया था और इसलिए कश्मीर के लोग चुनाव के जरिए अपना गुस्सा दिखाना चाहते हैं.
“370 हटाने के लिए राहुल गांधी का साथ दूंगा”
राशिद इंजीनियर कहते हैं कि अगर किसी के पास कोई रोड मैप है तो वह उससे हाथ मिलाने के लिए तैयार हैं. अगर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी यह वादा करते हैं कि भले ही वह 50 साल बाद सत्ता में आएं, वह अनुच्छेद 370 को बहाल करने के लिए विधेयक लाएंगे तो मैं उनका साथ दूंगा. राशिद कहते हैं कि वह 11 साल तक विधायक रहे हैं और उन्होंने सड़क पर उतरकर लड़ाई लड़ी है.