KC Tyagi: लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खराब प्रदर्शन को लेकर समीक्षा की जा रही है. इसी बीच एनडीए के सहयोगी दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है. बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा था ‘अबकी बार 400 पार’ के नारे से एनडीए को नुकसान पहुंचा है. विपक्ष ने जनता के बीच एक झूठा प्रचार कर दिया कि अगर एनडीए 400 से ज्यादा सीटें जीत जाती है तो संविधान में बदलाव किया जाएगा. जनता ने बीच यह मुद्दा चर्चा का विषय बन गया. कुछ लोगों के मन में यह बात बैठ गई और खामियाजा महाराष्ट्र में महायुति दल को उठाना पड़ा.
एकनाथ शिंदे के इस बयान के बाद जेडीयू नेता केसी त्यागी ने भी यह बात दोहराई है. उन्होंने कहा कि ‘चार सौ पार’ वाले नारे को लेकर विपक्ष ने झूठा प्रचार किया कि अगर एनडीए को 400 से ज्यादा सीटें मिल जाएगी तो संविधान में बदलाव किया जाएगा. इससे पहले केसी त्यागी ये बात बोल चुके हैं कि अग्निवीर योजना की वजह से लोगों में आक्रोश है.
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महाराष्ट्र में केवल 9 सीटों पर जीती भाजपा
हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में भाजपा के खाते में सिर्फ 9 सीटें मिली. एनसीपी शरद पवार गुट ने 8 सीटें जीती. वहीं, कांग्रेस राज्य के 13 सीटों पर जीतने में सफल रही. शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट को 7 सीटें मिली. एनसीपी (अजित पवार) गुट को एक सीटें मिली. जबकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) ने 9 सीटें जीती. बता दें कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को महज 240 सीटें मिली है. मोदी सरकार को टीडीपी और नीतीश कुमार की जेडीयू के समर्थन से सरकार चलानी पड़ रही है.
#WATCH | On Maharashtra CM Eknath Shinde’s statement, JDU leader KC Tyagi says, “400 paar slogan raised by us was grossly misused by the opposition parties by associating it with changing the constitution.” pic.twitter.com/SLIaesRYqD
— ANI (@ANI) June 12, 2024
“विपक्ष के झूठे नैरेटिव से एनडीए को नुकसान हुआ”
महाराष्ट्र सीएम ने मुंबई में कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की बैठक में कहा कि बीजेपी ने जीत के लिए 400 पार के नारे का लक्ष्य रखा था. हमें विपक्ष के झूठे नैरेटिव की वजह से कुछ जगहों पर नुकसान हुआ. हमें महाराष्ट्र में भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. 400 पार नारे की वजह से लोगों ने सोचा कि भविष्य में कुछ गड़बड़ हो सकती है. विपक्ष ने इसे लेकर झूठा नैरेटिव फैलाया और इसे संविधान बदलने और आरक्षण हटाने की आशंका से जोड़ा.