Jharkhand: झारखंड में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. वजह है स्वास्थ्य विभाग के सचिव की नियक्ति की. झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने अपने विभाग के सचिव की नियुक्ति अपने लेटर पैड पर ही कर दी. बन्ना गुप्ता द्वारा नियुक्त किए गए सचिव का आदेश पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसके बाद प्रदेश की सियासत गरमा गई है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और पूर्व मंत्री सरयू राय ने सोशल मीडिया X पर वायरल हो रहे पत्र को पोस्ट कर इस नियुक्ति को गलत करार दिया है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, राज्य में अपर मुख्य सचिव अरुण सिंह के 31 दिसंबर को सेवानिवृत होने के बाद स्वास्थ्य सचिव का पद खाली पड़ा हुआ था. जिसके मद्देनज़र स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने रिक्त पड़े स्वास्थ्य सचिव के पद का अतिरिक्त प्रभार देने का फैसला किया. स्वास्थ्य मंत्री ने अपने लेटर पैड पर आदेश देकर ‘ राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन’ के अभियान निदेशक आलोक त्रिवेदी को अपने कार्यों के अतिरिक्त स्वास्थ्य,चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव के पद पर पदस्थापित कर दिया. मंत्री द्वारा आलोक त्रिवेदी को स्वास्थ्य सचिव के पदस्थापन तक विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया. जिसके बाद उनके हस्ताक्षर द्वारा 16 जनवरी 2024 को निकाला गया आदेश पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. स्वास्थ्य मंत्री के तरफ से जारी किए गए ये आदेश नियम के विरुद्ध माने जा रहे हैं, जिसके बाद झारखण्ड के मंत्री विवादों में घिर गए हैं.
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क्या कहते हैं नियम
झारखंड में राज्य गठन के बाद किसी मंत्री द्वारा सचिव को पदस्थापित करने या अतिरिक्त प्रभार देने का यह पहला मामला सामने आया है. राज्य में लागू कार्यपालिका नियमावली के अनुसार, किसी विभाग के सचिव को पदस्थापित करने या अतिरिक्त प्रभार देने का अधिकार सिर्फ मुख्यमंत्री के पास होता है. इसके अलावा विशेष परिस्थितियों में किसी अधिकारी को अधिकतम 30 दिनों के लिए अतिरिक्त प्रभार देने का अधिकार मुख्य सचिव के पास भी होता है. लेकिन यहां नियम को ताक पर रखकर झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री ने एक अधिकारी को स्वास्थ्य सचिव का अतिरिक्त प्रभार दे दिया है.
पूर्व मंत्री सरयू राय बोले- रद्द किया जाए आदेश
झारखंड के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री सरयू राय ने बना गुप्ता के आदेश पर सवाल उठाया है. सरयू राय ने सोशल मीडिया X पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग करते हुए लिखा कि आपके स्वनामधन्य कांग्रेसी मंत्री ने जो अधिसूचना जारी किया है वह गलत है, इसे तुरंत रद्द किया जाए. सरयू राय ने आगे लिखा कि यह अधिकार केवल मुख्यमंत्री का है. कार्यपालिका नियमावली ने मात्र 30 दिन के लिए यह तदअर्थ अधिकार मुख्य सचिव को दिया है.
इसके अलावा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी बन्ना गुप्ता के तरफ से जारी आदेश को लेकर हेमंत सरकार को घेरा है. बाबूलाल मरांडी ने X पोस्ट कर लिखा बन्ना गुप्ता ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर आदेश जारी किया है. झारखंड के स्वास्थ्य महकमे में सारे नियम कानून को ताक पर रखकर ऐसे अनेक निर्णय लिए जा रहे हैं. वहीं बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तत्काल बन्ना गुप्ता के अव्यावहारिक निर्णय को वापस लेने के लिए भी कहा.
यह कोई पहला मौका नहीं है जब झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता विवादों में हैं. इससे पहले, वे झारखंड में कार खरीद मामले में भी चर्चा में आए थे.