Jharkhand Politics: इंडी गठबंधन में जारी खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भी इंडिया गठबंधन के दलों टीएमसी और कांग्रेस के बीच मुद्दों पर असहमति सामने आई है. वहीं महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में हार के बाद महा विकास अघाड़ी के घटक दलों की सिर-फुटव्वल भी देखने को मिली है. लेकिन, ये मामला यहीं तक थमता नजर नहीं आ रहा है. झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Elections) में जीत के बाद राज्य में जेएमएम के नेतृत्व वाले गठबंधन की सरकार बन चुकी है. हेमंत सोरेन (Hemant Soren) मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं लेकिन, अभी तक कैबिनेट का विस्तार नहीं हो सका है. इसके पीछे भी वजह यही है कि इंडिया गठबंधन के दलों के बीच रस्सा-कस्सी जारी है.
9 दिसंबर से झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र की घोषणा हो चुकी है. सीएम हेमंत सोरेन अकेले बजट पर अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे हैं, क्योंकि मंत्रिमंडल का विस्तार अभी तक नहीं हो पाया है और इसमें देरी की वजह कांग्रेस है, जिसने अभी तक बनने वाले नए मंत्रियों के नाम तय नहीं किए हैं. कांग्रेस आलाकमान से विचार-विमर्श के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश समेत अन्य वरिष्ठ नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं. जब आलाकमान से हरी झंडी मिल जाएगी तब जाकर ही सोरेन कैबिनेट के विस्तार की तस्वीर साफ हो पाएगी.
तय हुआ कैबिनेट विस्तार का फॉर्मूला
झारखंड में मुख्यमंत्री के अलावा 11 मंत्री बनाए जा सकते हैं. नियमों के मुताबिक, किसी राज्य में सरकार के मंत्रियों की संख्या उनकी विधानसभा की कुल सदस्य संख्या के 15 फीसदी से अधिक नहीं हो सकती है. लेकिन, कांग्रेस-राजद की मांग की वजह से कई दिनों तक ये मामला अटका रहा. कांग्रेस और राजद पिछली सरकार वाले फॉर्मूले के आधार पर 4 मंत्री पद की मांग करती रही है. पिछली सरकार में भी कांग्रेस के चार मंत्री थे और राजद को एक मंत्री पद मिला था. ऐसे में 6 मंत्री जेएमएम के कोटे से बनेंगे.
डिप्टी सीएम की मांग कर रही थी कांग्रेस
लेकिन, संख्या बल के आधार पर फॉर्मूला तय करना होता तो मंत्रियों की संख्या 14 तक जा सकती थी, जो संभव नहीं था. फिलहाल, जो फॉर्मूला तय हुआ है उसके हिसाब से जेएमएम के 6, कांग्रेस के 4 और राजद कोटे से एक मंत्री बनेंगे. इस गठबंधन में सीपीआई-एमएल के भी 2 विधायक हैं लेकिन उनको मंत्री पद नहीं मिलेगा. कांग्रेस ने इस बार डिप्टी सीएम के पद की मांग भी की थी, लेकिन पिछली सरकार के फॉर्मूले का ही हवाला देते हुए जेएमएम ने इस मांग को खारिज कर दिया था और कहा था कि सरकार पहले वाले फॉर्मूले के आधार पर ही चलेगी.
अपने कोटे के नाम तय नहीं कर सकी है कांग्रेस
इसके बाद भी कांग्रेस अपने कोटे के 4 नाम तय नहीं कर सकी है और यही वजह है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अकेले अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे हैं. मंत्री पद को लेकर एक तरफ, जहां कांग्रेस के भीतर ही कई दावेदार हैं और वे दिल्ली दरबार में डेरा जमाए हुए हैं. दूसरी तरफ, सामाजिक समीकरण के साथ-साथ प्रमंडलीय राजनीति के आधार पर मंत्रियों के नाम तय करना भी कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर बना हुआ है.
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अब दिल्ली में आलाकमान इन दावेदारों के नामों पर मंथन करने के बाद लिस्ट फाइनल करता है तो उसे हेमंत सोरेन को सौंपा जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, अगर लिस्ट बुधवार तक फाइनल हो जाती है तो मंत्रियों का शपथ ग्रहण 5 या 6 दिसंबर को हो सकता है. बता दें कि झारखंड विधानसभा की कुल सदस्य संख्या 81 है और 56 सीटों पर इंडी गठबंधन को जीत मिली थी. वहीं बीजेपी गठबंधन को 22 सीटों पर जीत मिली थी.