Jharkhand Political Crisis: कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बुरी तरह फंस गए हैं. करीब 7 घंटे पूछताछ के बाद सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. अब चंपई सोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे. उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया है. इस बीच झारखंड के परिवहन मंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार को कहा कि उन्होंने 47 विधायकों के समर्थन से झारखंड में नई सरकार बनाने का दावा पेश किया है. इस बीच सीएम सोरेन की गिरफ्तारी के विरोध में आदिवासी संघों ने झारखंड बंद का ऐलान किया है.
इससे पहले, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सात घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ किए जाने के बाद हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे राजभवन ने स्वीकार कर लिया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तुरंत बाद ईडी ने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया.
47 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा
झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक दल के नेता चंपई सोरेन ने कहा, “हमने 47 विधायकों के समर्थन से नई सरकार बनाने का दावा किया है.” संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा, “हमने 47 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंप दिया है, जिन्होंने हमें बुलाने का आश्वासन दिया है.” इससे पहले हेमंत सोरेन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
बता दें कि लगभग 40 घंटे तक हेमंत सोरेन गायब रहे थे. 20 जनवरी को ईडी ने सीएम हेमंत सोरेन से करीब 7-8 घंटे तक पूछताछ की थी. फिर भी ईडी की पूछताछ पूरी नहीं हुई. यह पता चला है कि ताजा समन इसलिए जारी किया गया क्योंकि उस दिन पूछताछ पूरी नहीं हुई थी.
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मामला क्या है?
रिपोर्ट के अनुसार, जांच झारखंड में माफिया द्वारा जमीन के स्वामित्व को अवैध रूप से बदलने के एक बड़े रैकेट से संबंधित है. मामला सेना के कब्जे वाली जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़ा है. फर्जी नाम-पते के आधार पर झारखंड में सेना की जमीन की खरीद-फरोख्त की गयी. इस संबंध में रांची नगर निगम ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी. ईडी ने उसी एफआईआर के आधार पर एनफोर्समेंट केस इनफार्मेशन रिपोर्ट (ECIR) दर्ज कर जांच शुरू की थी. अब इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का ऐंगल भी सामने आया है. ईडी की टीम इसी सिलसिले में हेमंत सोरेन के पीछे पड़ गई.