Karnataka News: पूर्व सीएम और BJP के वरिष्ठ नेता BS येदियुरप्पा की अब मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. पूर्व सीएम के खिलाफ एक नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है और अब इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. उनके खिलाफ POCSO और 354 (A) IPC के तहत मामला दर्ज किया गया है.
पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ कर्नाटक के सदाशिवनगर पुलिस ने 14 मार्च देर रात एफआईआर दर्ज की है. इस मामले में पूर्व सीएम के खिलाफ 17 साल की नाबालिग की मां ने एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस के सूत्रों ने द हिंदू को दी जानकारी में शिकायत दर्ज होने की पुष्टि की है. पुलिस के सूत्रों दावा दी गई जानकारी के अनुसार POCSO अधिनियम की धारा 8 और भारतीय दंड संहिता की धारा 354 A के तहत मामला दर्ज किया गया था. एफआईआर दर्ज करने के दौरान पीड़िता अपनी मां के साथ मौजूद थी.
आधी रात को मामला दर्ज
कथित तौर पर पीड़िता की मांग द्वारा गुरुवार की शाम को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी और फिर आधी रात को मामला दर्ज किया गया था. केस दर्ज होने की पुष्टि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने की है. पुलिस के सूत्रों की मानें तो यौन उत्पीड़न की कथित घटना इसी साल बीते 2 फरवरी को हुई है. पीड़िता की ओर से दावा है कि दो फरवरी को मां और बेटी धोखाधड़ी के मामल में मदद मांगने के लिए पूर्व सीएम के पास गई थीं.
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इस मामले पर कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर, “कल रात लगभग 10 बजे एक महिला ने बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. जब तक हमें सच्चाई नहीं पता, हम कुछ भी खुलासा नहीं कर सकते. यह एक संवेदनशील बात है क्योंकि इसमें एक पूर्व सीएम शामिल हैं. मुझे नहीं लगता सोचिए इसमें कोई राजनीतिक एंगल है. अगर पीड़ित महिला को सुरक्षा की जरूरत होगी तो दी जाएगी.’
कौन हैं बीएस येदियुरप्पा
गौरतलब है कि बीएस येदियुरप्पा वर्तमान में अभी बीजेपी के संसदीय बोर्ड के सदस्य हैं. वह 1983 से लेकर 2022 तक कई बार कर्नाटक विधानसभा के सदस्य रहे हैं. वह एक मात्र नेता हैं जो कर्नाटक के चार बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं और तीन बार विधानसभा में नेता विपक्ष की जिम्मेदारी निभाई है.
बीएस येदियुरप्पा कर्नाटक की शिकारीपुर विधानसभा सीट से आठ बार विधायक रहे हैं. वह पहली बार 2008 में मुख्यमंत्री बने थे. तब कर्नाटक में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी थी. हालांकि उन्होंने 2011 में भ्रष्टाचार के मामले में दोषी साबित होने के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. लेकिन 2016 में उन्हें इस मामले में अदालत ने बरी कर दिया था.