KIIT में ऐसा क्या हुआ, जिसे लेकर भारत से लेकर नेपाल तक मचा है बवाल? यहां जानिए सबकुछ

इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें छात्रा का एक बैचमेट, KIIT के तीन डायरेक्टर, और दो सिक्योरिटी गार्ड शामिल हैं. ओडिशा सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया है.
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KIIT Controversy: हाल ही में ओडिशा के भुवनेश्वर स्थित कालिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी (KIIT) में एक घटना ने पूरे देश और नेपाल में तहलका मचा दिया. नेपाल से आई एक छात्रा की आत्महत्या के बाद यह मामला इतना बढ़ा कि अब नेपाल सरकार को भी हस्तक्षेप करना पड़ा है. तो आइए जानते हैं कि KIIT में क्या हुआ, और क्यों यह घटना भारत और नेपाल दोनों देशों के बीच चर्चा का विषय बन गई है.

क्या है पूरा मामला?

KIIT में पढ़ाई कर रही एक नेपाल की छात्रा ने हाल ही में आत्महत्या कर ली. शुरुआती रिपोर्ट्स में यह बताया जा रहा है कि छात्रा ने प्रेम संबंधों के कारण आत्महत्या की. छात्रा की मौत ने कैंपस में हलचल मचा दी, और नेपाल के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. देखते ही देखते यह मामला और बढ़ गया, जिससे छात्र समुदाय और प्रशासन के बीच तनाव पैदा हो गया.

प्रोफेसर और स्टाफ की टिप्पणियां

जैसे ही नेपाली छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया, एक और विवादास्पद घटना ने आग में घी डाल दिया. KIIT की एक महिला प्रोफेसर, मंजूषा पांडे और एक कर्मचारी, जयंती नाथ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस वीडियो में प्रोफेसर यह कहते हुए दिखाई दे रही हैं कि हमारे संस्थापक 40,000 छात्रों को मुफ्त में खाना और शिक्षा देते हैं, जबकि कर्मचारी ने टिप्पणी की कि “हमारे विश्वविद्यालय पर खर्च होने वाली राशि नेपाल के राष्ट्रीय बजट के बराबर है.” इसके बाद नेपाली छात्रों का गुस्सा और भड़क उठा.

KIIT प्रशासन ने क्या किया?

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद KIIT प्रशासन ने जल्दी ही स्थिति को संभालने का प्रयास किया. विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर मंजूषा पांडे और जयंती नाथ को निलंबित कर दिया और आधिकारिक रूप से माफी भी मांगी. KIIT ने एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि वे इस घटना से आहत हैं और विश्वविद्यालय के सभी सदस्य छात्रों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध हैं.

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क्या हो रहा है अब?

इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें छात्रा का एक बैचमेट, KIIT के तीन डायरेक्टर, और दो सिक्योरिटी गार्ड शामिल हैं. ओडिशा सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया है.

साथ ही, नेपाल सरकार भी इस मामले में सक्रिय हो गई है. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने बयान जारी करते हुए बताया कि नेपाली दूतावास के दो अधिकारी ओडिशा भेजे गए हैं ताकि वे नेपाली छात्रों की मदद कर सकें. नेपाल सरकार ने अपने नागरिकों से अपील की है कि वे या तो हॉस्टल में रहकर सुरक्षित रहें या घर लौट जाएं.

क्यों यह मामला इतना महत्वपूर्ण है?

यह मामला सिर्फ एक विश्वविद्यालय के भीतर हुए विवाद से कहीं अधिक है. इससे जुड़े कई सांस्कृतिक और सामाजिक मुद्दे सामने आ रहे हैं. फेसर और कर्मचारी के बयानों ने यह साबित कर दिया कि विदेशी छात्रों के प्रति कुछ मानसिकता में अंतर हो सकता है. ऐसे बयानों से रिश्तों में तनाव आ सकता है, खासकर तब जब छात्र-छात्राओं का मनोबल पहले से ही कमजोर हो. हालांकि, ये मामला KIIT तक सीमित नहीं रही. नेपाल और भारत के बीच भावनात्मक और राजनैतिक पहलू भी जुड़ गए हैं. नेपाली छात्रों को भारत में सुरक्षित महसूस करना चाहिए, और ऐसे मामलों से दोनों देशों के रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं.

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