Kumar Vishwas: कवि कुमार विश्वास (Kumar Vishwas) का अप्रत्यक्ष तौर पर एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा पर तंज कसने का मामला ठंडा नहीं हुआ है. इसी बीच, कुमार विश्वास का एक और बयान वायरल हो रहा है जिसमें वह बाबा रामदेव और उनके प्रोडक्ट्स पर चुटकी लेते नजर आ रहे हैं. स्ट्रीट्स ऑफ मेरठ के इंस्टाग्राम हैंडल से पोस्ट हुए वीडियो को लेकर अब विवाद बढ़ गया है.
इस वीडियो में कुमार विश्वास नाम लिए बगैर बाबा रामदेव पर निशाना साधते हुए कहते हैं, ‘नवरात्रि में मैंने उनका नमक खरीदा. वो अपना प्रोडक्ट ऐसे बेचते हैं कि नहीं खरीदा तो सनातन धर्म से उसी दिन इस्तीफा हो जाएगा.” कुमार विश्वास कहते हैं कि उस नमक पर ऐसी इबारत लिखी हुई थी कि इस्लामुद्दीन भी खरीद ले. उसके ऊपर ’25 लाख साल पुराने हिमालय से निकाला हुआ नमक’ लिखा हुआ था.
‘नहीं तो रखे-रखे सड़ ही जाता…’
कुमार विश्वास चुटकी लेते हुए कहते हैं, “इसके बाद तो आदमी तो भावुक हो जाता है. वह कल्पना करने लगता है बाबा कैसे चढ़े होंगे, धोती ऊपर करके. कैसे फावड़े ने नमक निकाला होगा और बालकृष्ण टोकरी लेकर पीछे खड़े होंगे. नीचे की लाइन और भी कमाल थी. इस पर एक्सपायरी डेट 7 फरवरी की थी. लग रहा है समय पर निकालकर ले आए बाबा, नहीं तो रखे-रखे सड़ ही जाता.”
अब उनके इस बयान पर सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कुछ लोग उन्हें कुंठित बता रहे हैं, जबकि कई लोगों का कहना है कि सच्चाई किसी को बर्दाश्त नहीं होती है.
सोनाक्षी को लेकर इशारों में दिया था बयान
इसके पहले, कुमार विश्वास के मेरठ महोत्सव के दौरान दिए एक बयान पर विवाद बढ़ गया था. इस कार्यक्रम के दौरान कुमार विश्वास ने कहा, “अपने बच्चों को नाम याद करवाइए सीता जी की बहनों का, भगवान राम के भाइयों का. एक संकेत दे रहा हूं, जो समझ जाएं उनकी तालियां उठे. अपने बच्चों को रामायण सुनवाइए-गीता पढ़वाइए. कहीं ऐसा ना हो कि आपके घर का नाम तो ‘रामायण’ हो लेकिन आपके घर की ‘श्रीलक्ष्मी’ को कोई और उठाकर ले जाए.”
इस बयान को शत्रुघ्न सिन्हा और सोनाक्षी सिन्हा से जोड़कर देखा गया था. सोनाक्षी सिन्हा ने जहीर इकबाल से शादी की है. लोगों का मानना था कि कुमार विश्वास ने इशारों-इशारों में उन पर ही निशाना साधा था.
सोनाक्षी के मामले पर सफाई देते हुए क्या बोले कुमार विश्वास
हालांकि, एक न्यूज चैनल के साथ बात करते हुए कुमार विश्वास ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा, “जहां मैं रहता हूं गाजियाबाद में वहां हर 10 घरों में किसी का नाम रामायण है, किसी का गोकुल, साकेत, श्रीधाम, नंदावन है. इसी में कोई नाम लोग रख लेते हैं. अब आप किसी व्यक्ति से जोड़कर वितंडा करें क्योंकि यह राजनीतिक हित को और वोटबैंक को संबोधित करता है, तो मैं इसके लिए जिम्मेदार नहीं हूं. मेरे बयान को किसी से जोड़ना गलत है. लेकिन, भारत की सांस्कृतिक चेतना के प्रति वितृष्णा पैदा करने का षड्यंत्र हुआ है, जिस पर बात करनी ही होगी.”