Kumari Selja On Haryana Election: हरियाणा में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे ने सभी को चौंका दिया. राजनीतिक पंडितों का दावा भी उलटा पड़ता दिखा. लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस को हरियाणा में पहली उम्मीद की रोशनी दिखाई दे रही थी. पार्टी को पूरा भरोसा था कि यहां उनकी सरकार बनने जा रही है. हालांकि, यहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी. जिसके बाद से कार्यकर्ता ही नहीं पार्टी के शीर्ष नेता भी इस हार से निराश और हताश हैं. इस कड़ी में हरियाणा में पार्टी का अहम चेहरा और सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हार से सबका दिल टूट गया है. उन्होंने कहा कि हार के बाद पार्टी के कार्यकर्ता बेहद निराश हैं. कुमारी सैलजा ने यह भी कहा कि पार्टी इस हार की समीक्षा कर रही है.
रविवार को मीडिया से बातचीत में कुमारी सैलजा ने कहा कि हम लोगों से इन चौंकाने वाले चुनावी नतीजों के पीछे के कारणों के बारे में बात कर रहे हैं. किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए कमियों की समीक्षा भी की जा रही है. रोहतक में आयोजित के प्रार्थना में शामिल होने आईं सैलजा ने यह भी बताया कि कांग्रेस ने मतगणना प्रक्रिया के दौरान इलेकट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में नकनीकी समस्याओं के संबंध में चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपा है.
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कांग्रेस में संगठित ढांचे की कमी के सवाल सैलजा का जवाब
कुमारी सैलजा ने आगे कहा, उतार-चढ़ाव राजनीति का हिस्सा हैं. हम जनता के मुद्दों को उठाकर और राज्य की गलत नीतियों का विरोध करके विपक्ष की भूमिका प्रभावी ढ़ंग से निभाएंगे. हम जमीनी स्तर पर पार्टी कैडर को मजबूत करने के लिए भी काम करेंगे. कांग्रेस में संगठित ढांचे की कमी के बारे में पूछे जाने पर कुमारी सैलजा ने कहा कि चुनावों के दौरान पार्टी संगठन की जरूरत बहुत महसूस की गई. इसके जरिए पहचान हासिल करना पार्टी कार्यकर्ताओं का अधिकार भी है. पार्टी संभावित बदलावों के बारे में कुमारी सैलजा ने कहा कि इस तरह का कोई भी फैसला पार्टी हाईकमान ही लेगी.
60 सीटों पर जीत का दावा
गौरतलब है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के सभी एग्जिट पोल और अनुमानों को दरकिनार करते हुए बीजेपी ने रिकॉर्ड जीत के साथ बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल की.अब पार्टी तीसरी बार प्रदेश में सरकार बनाने जा रही है. 90 सीटों वाली विधानसभा में बीजेपी ने 48 सीटों पर जीती दर्ज की है. वहीं कांग्रेस 37 सीटें ही जीत सकी. इससे पहले कुमारी सैलजा ने कहा था कि कांग्रेस को 60 सीटों पर जीत दर्ज करेगी. हालांकि, उनका ये अनुमान भी गलत साबित हुआ है और कांग्रेस फिर सत्ता से दूर हो गई.