Lawrence Bishnoi: लॉरेंस बिश्नोई भारतीय अपराध जगत में एक ऐसा नाम बन चुका है, जिसने हाल के वर्षों में मीडिया और समाज का ध्यान अपनी ओर खींचा है. हाल ही में, बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी बिश्नोई गैंग ने ली, जिससे इस गैंग का नाम एक बार फिर से चर्चाओं में आया. ऐसे में यह सवाल उठता है कि एक 31 वर्षीय युवा इतनी कम उम्र में अपराध की दुनिया का इतना बड़ा खिलाड़ी कैसे बन गया? बिश्नोई का जीवन और उसका आपराधिक सफर यह दर्शाते हैं कि कैसे एक सामान्य युवक ने अपने आस-पास के माहौल, हिंसात्मक प्रवृत्तियों और विपरीत सोच के प्रभाव में एक गैंगस्टर का रूप धारण किया. उसका गैंग कई युवाओं के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है, जो आज की युवा पीढ़ी की मानसिकता और सामाजिक स्थिति पर सवाल उठाता है. इस रिपोर्ट में बिश्नोई के जीवन की जटिलताओं, उसकी आपराधिक गतिविधियों, गैंग के गठन की प्रक्रिया और गिरफ्तारी पर विस्तार से चर्चा की गई है.
प्रारंभिक और आपराधिक जीवन
लॉरेंस बिश्नोई का जन्म 1993 में पंजाब के फिरोजपुर जिले में हुआ. उसका परिवार मध्यम वर्ग से था, और उसने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गृहनगर के स्थानीय स्कूलों से प्राप्त की. कॉलेज में दाखिला लेने के बाद, बिश्नोई ने राजनीति में रुचि दिखाई और छात्र नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई. इस दौरान, उसे संगठित अपराध की दुनिया में कदम रखने के लिए प्रेरणा मिली. उसकी दोस्ती कई ऐसे युवकों से हुई, जो पहले से ही आपराधिक गतिविधियों में शामिल थे, जिससे उसकी सोच और दिशा बदल गई. लॉरेंस ने अपने करियर की शुरुआत छोटे-मोटे अपराधों से की, जैसे कि झगड़े, चोरी, और मादक पदार्थों का सेवन. धीरे-धीरे उसने संगठित अपराध की दुनिया में प्रवेश किया और अपने साथियों के साथ मिलकर एक गैंग का गठन किया, जिसे “बिश्नोई गैंग” के नाम से जाना जाने लगा.
छात्र संघ चुनाव में उम्मीदवार को मारी गोली
द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2008 में पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के चुनाव में लॉरेंस ने अपने दोस्त के विपक्ष में खड़े उम्मीदवार को धमकाने के मकसद से उसे गोली मार दी. इसके बाद पुलिस ने लॉरेंस और उसके दोस्तों के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया. दो महीने जेल की सजा काटने के बाद, लॉरेंस रिहा हुआ, लेकिन जेल से बाहर आने के बाद उसने जीते हुए उम्मीदवार के भाई पर गोली चला दी और उस पर फिर से हत्या के प्रयास का एक और केस दर्ज हो गया. जेल में रहते हुए वह कई अपराधियों से मिला, और यहीं से क्राइम की दुनिया में उसकी एंट्री हुई.
लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ हत्या और जबरन वसूली सहित दो दर्जन से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं, लेकिन उन्होंने सभी आरोपों का खंडन किया है. 2012 के बाद से, वह ज्यादातर समय जेल में बिताता रहा, लेकिन इस दौरान उसने अन्य अपराधियों के साथ संबंध बनाए. 2013 में, उसने सरकारी कॉलेज चुनावों के विजेता और लुधियाना नगर निगम चुनावों के एक प्रतिद्वंदी की हत्या की.
2014 में, बिश्नोई राजस्थान पुलिस के साथ एक मुठभेड़ में शामिल हुआ, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया. जेल में रहते हुए, उसने हत्या की साजिशें रचीं और कई अन्य गैंगस्टरों से संपर्क किया. 2018 में, उसके करीबी सहयोगी संपत नेहरा की गिरफ्तारी के बाद उसका नाम चर्चा में आया, जब नेहरा ने बताया कि बिश्नोई ने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को निशाना बनाने का आदेश दिया था. बिश्नोई उस समुदाय से हैं जो काले हिरण को पवित्र मानता है. 2022 में, उन पर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश का आरोप लगा, जिसमें गैंगस्टर गोल्डी बरार ने गोलीबारी की जिम्मेदारी ली, लेकिन बिश्नोई की सक्रिय भूमिका पर सवाल उठते रहे.
गैंग का गठन और गतिविधियां
बिश्नोई गैंग ने बहुत जल्दी ही पंजाब, हरियाणा, और दिल्ली में अपनी पहचान बना ली. गैंग की आपराधिक गतिविधियों में शामिल थे:
हत्या: गैंग के सदस्यों ने प्रतिद्वंद्वियों को खत्म करने के लिए कई हत्याएँ कीं, जिसमें प्रतिशोध और क्षेत्रीय नियंत्रण शामिल थे.
रंगदारी: गैंग ने व्यापारियों और आम लोगों से पैसे वसूलने के लिए धमकियाँ देना शुरू किया.
मादक पदार्थों की तस्करी: ड्रग्स के कारोबार में बिश्नोई गैंग ने भी अपनी पहचान बनाई, जिससे वह वित्तीय लाभ प्राप्त करता रहा.
विवादास्पद बयानों का प्रभाव
लॉरेंस बिश्नोई ने कई बार विवादास्पद बयानों से सुर्खियाँ बटोरी हैं. सबसे चर्चित मामला तब आया जब उसने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को जान से मारने की धमकी दी. यह बयान 1998 में हुए एक शिकार मामले के बाद आया, जिसमें खान पर एक काले हिरण का शिकार करने का आरोप था.
सलमान खान से विवाद
बिश्नोई का नाम तब व्यापक रूप से चर्चित हुआ जब उसने सलमान खान को जान से मारने की धमकी दी. यह धमकी 1998 में हुए एक शिकार मामले के बाद आई, जिसमें खान पर एक काले हिरण का शिकार करने का आरोप था. बिश्नोई समुदाय, जो काले हिरण को पवित्र मानता है, के कारण लॉरेंस ने सलमान खान के खिलाफ लंबे समय से द्वेष पाल रखा है. हाल के वर्षों में, बिश्नोई और उसके गैंग ने सार्वजनिक रूप से खान को निशाना बनाया. 2024 में, मुंबई में सलमान खान के निवास के बाहर गोलीबारी की कई घटनाएँ हुईं, जिसे बिश्नोई गैंग से जोड़ा गया. इन घटनाओं ने मुंबई पुलिस को खान की सुरक्षा बढ़ाने के लिए मजबूर किया, जिसके बाद उनके घर के बाहर पुलिस का कड़ा पहरा लगा दिया गया है.
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने हाल ही में सलमान खान फायरिंग मामले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) के तहत धाराएँ लगाई है. यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब फिल्म अभिनेता सलमान खान को जान से मारने की धमकी मिली थी, जिससे सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं उठी हैं. क्राइम ब्रांच ने इस मामले में लॉरेंस बिश्नोई और उनके भाई अनमोल बिश्नोई को पुलिस ने वांटेड आरोपी के रूप में नामित किया था. पुलिस का मानना है कि ये दोनों आरोपी इस मामले की योजना में शामिल थे और उन्होंने फायरिंग की साजिश को अंजाम दिया.
न्याय प्रणाली के सामने
बिश्नोई के खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज हैं, जिसमें पुलिस ने ठोस सबूत इकट्ठा किए हैं. हालांकि, वह कानूनी प्रक्रियाओं से बचने में कई बार सफल रहा. वर्तमान में, वह साबरमती केंद्रीय जेल में बंद है, फिर भी उसने अपने गैंग की गतिविधियों को जेल से संचालित करने का प्रयास किया है. उसकी गिरफ्तारी के बाद भी, उसके गैंग के सदस्य उसकी योजनाओं को लागू करने में लगे रहे. हालांकि पुलिस लगातार उसपर शिकंजा कसे हुए है.
प्रभाव और समाज में प्रतिक्रिया
लॉरेंस बिश्नोई की गतिविधियाँ न केवल आपराधिक दुनिया में चर्चा का विषय बनी हैं, बल्कि समाज पर भी गहरा प्रभाव डाल रही हैं. कहीं न कहीं बिश्नोई जैसे अपराधियों की कहानियाँ युवा पीढ़ी को गलत दिशा में प्रेरित कर रही हैं. आज की युवा पीढ़ी अक्सर बिश्नोई जैसे अपराधियों के प्रति आकर्षित होती है. उसकी जीवनशैली, शक्ति, और प्रभाव को देखकर कई युवा अपराध की दुनिया में कदम रखने के लिए प्रेरित होते हैं. यह स्थिति समाज के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि यह युवा लोगों को गलत दिशा में ले जा सकती है.
लॉरेंस बिश्नोई का जीवन एक ऐसा उदाहरण है जो यह दर्शाता है कि कैसे एक व्यक्ति अपनी प्रतिभाओं का उपयोग गलत कार्यों में कर सकता है. उसकी कहानी केवल एक आपराधिक जीवन की नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी भी है. हमें यह समझने की आवश्यकता है कि अपराध का रास्ता हमेशा नकारात्मक परिणामों की ओर ले जाता है. सही मार्गदर्शन और शिक्षा से हम युवा पीढ़ी को एक बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर कर सकते हैं.