Lok Sabha Election 2024: पीएम नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी सरकार की आलोचना की है. पीएम ने रविवार को 1970 के दशक में कच्च्यतिवु द्वीप श्रीलंका को देने के सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने इस संबंध में सोशल मीडिया के एक्स प्लेट फार्म पर पोस्ट कर प्रतिक्रिया दी है.
पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में लिखा, ‘आंखें खोलने वाली और चौंका देने वाली रिपोर्ट! नए तथ्यों से पता चलता है कि कैसे कांग्रेस ने बेरहमी से कच्च्यतिवु श्रीलंका को दे दिया. इससे हर भारतीय नाराज है और लोगों के मन में फिर से पुष्टि हुई है कि हम कांग्रेस पर कभी भरोसा नहीं कर सकते.’
पीएम मोदी ने अपने बयान में कांग्रेस द्वारा देश की एकता और अखंडता को कमजोर करने का आरोप लगाया गया है. उन्होंने कहा, ‘भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना कांग्रेस का 75 वर्षों से काम करने का तरीका रहा है.’ प्रधानमंत्री ने टॉइम्स ऑफ इंडिया की एक खबर भी शेयर की है.
आरटीआई के जरिए दावा
दरअसल, खबर के जरिए दावा किया गया है कि तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष अन्नामलाई ने आरटीआई के जरिए एक जानकारी मांगी थी. जिसमें बताया गया है कि भारत के तट से करीब बीस किलोमीटर दूरी पर बने कच्च्यतिवु द्वीप की जमीन भारत ने श्रीलंका को दे दी थी.
जानकारों की मानें तो इस द्वीप का उपयोग भारत और श्रीलंका के बीच दोनों देशों के मच्छुआरे समाज द्वारा किया जाता था. लेकिन 1974 में कच्चातिवु को श्रीलंकाई के क्षेत्र के तौर सौंप दिया गया था. तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया था.
वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट किया, “कांग्रेस ने स्वेच्छा से कच्चातिवू छोड़ दिया और उन्हें इसका कोई पछतावा भी नहीं है. कभी कांग्रेस के एक सांसद देश को विभाजित करने के बारे में बोलते हैं और कभी-कभी वे भारतीय संस्कृति और परंपराओं को बदनाम करते हैं. इससे पता चलता है कि वे भारत की एकता और अखंडता के खिलाफ हैं. वे केवल हमारे देश को विभाजित करना या तोड़ना चाहते हैं.”