Lok Sabha Election 2024: मनोहर लाल खट्टर से लेकर शिवराज सिंह चौहान और त्रिवेन्द्र सिंह रावत से लेकर बसवराज बोम्मई तक, बीजेपी पूर्व मुख्यमंत्रियों और राज्य के दिग्गजों को लोकसभा चुनाव में उतार रही है. बीजेपी की ओर से अब तक जारी की गई दो उम्मीदवारों की सूचियों पर बारीकी से नजर डालने से पता चलता है कि पार्टी ने उन पूर्व मुख्यमंत्रियों को मैदान में उतारने की रणनीति अपनाई है जो या तो विधानसभा चुनाव हार गए थे या उन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं दिया गया था. यह संयोगवश हुआ है कि पार्टी ने बड़ी संख्या में मौजूदा सांसदों को हटा दिया है.
डिब्रूगढ़ से चुनाव लड़ेंगे सर्बानंद सोनोवाल
जहां हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर को करनाल से मैदान में उतारा गया है, वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान विदिशा से चुनाव लड़ेंगे. कर्नाटक के पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई हावेरी से चुनाव लड़ेंगे. त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब को त्रिपुरा पश्चिम से मैदान में उतारा गया है, जबकि राज्यसभा सदस्य और असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल डिब्रूगढ़ से चुनाव लड़ेंगे.
इसके अलावा बीजेपी ने एक अन्य पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत को उत्तराखंड के हरिद्वार से टिकट दिया है. इतना ही नहीं राज्य के मंत्रियों और दिग्गजों को महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्रों से मैदान में उतारा जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बीजेपी के पास एक कॉर्पोरेट संरचना है जहां उचित मूल्यांकन और पदोन्नति प्रक्रिया का पालन किया जाता है. किसी भी पार्टी का यह दृष्टिकोण पुराने का सम्मान करते हुए नए नेतृत्व का निरंतर प्रवाह सुनिश्चित करता है.”
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राज्यों का पावर केंद्र में शिफ्ट करने की बड़ी प्लानिंग
राजनीति के जानकारों का कहना है कि खट्टर और चौहान जैसे पूर्व मुख्यमंत्री लंबे समय तक हरियाणा और मध्य प्रदेश में सत्ता के केंद्र रहे हैं और बीजेपी राज्यों में नेतृत्व की एक नई पंक्ति के लिए जा रही है, वह इसमें कोई हस्तक्षेप या गुटबाजी नहीं चाहती है. वहीं हाल के विधानसभा चुनावों से पता चलता है कि बीजेपी हिंदी भाषी राज्यों में मजबूत बनी हुई है. चुकी बीजेपी मध्य प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में नेतृत्व में पीढ़ीगत बदलाव के लिए गई थी, इसलिए लोकसभा चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्रियों को मैदान में उतारने की रणनीति से नए मुख्यमंत्रियों को मदद मिलेगी.
जबकि लगभग दो दशकों तक राज्य में शिवराज चौहान के एक प्रमुख राजनीतिक व्यक्ति होने के बावजूद मोहन यादव मध्य प्रदेश के लिए भाजपा के सीएम पद के लिए चुने गए थे, पार्टी ने विधानसभा चुनाव वर्ष में हरियाणा में खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाया.