Lok Sabha Elections 2024: राज्यसभा चुनाव के दौरान हुई क्रॉस वोटिंग के बाद से हिमाचल में जारी सियासी उथल-पुथल रुकने का नाम नहीं ले रहा है. अब लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में कांग्रेस को बड़ा झटका लगने जा रहा है. दरअसल, हिमाचल प्रदेश के एक राज्यसभा सीट पर हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में वोट करने वाले कांग्रेस के सभी छह बागी नेता बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
बताते चलें कि इसको लेकर लंबे समय से अटकलों का दौर जारी रहा. लेकिन आज इन चर्चाओं पर विराम लगने की संभावना है. हिमाचल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं. गुरुवार को कांग्रेस के बागी नेता बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात किए थे. इस दौरान भी बिंदल वहीं मौजूद थे. सब बीजेपी की रणनीति के मुताबिक हुआ, बागी आज ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
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तीन निर्दलीय विधायक भी होंगे शामिल
हिमाचल प्रदेश में जारी सियासी अस्थिरता के बीच राज्य के पूर्व सीएम जयराम ठाकुर भी शुक्रवार को ही दिल्ली पहुंच चुके हैं. शुक्रवार शाम छह बजे भारतीय जनता पार्टी ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी, लेकिन इससे पहले ही जय राम ठाकुर दिल्ली के लिए रवाना हो गए. जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस के छह बागी नेताओं के साथ निर्दलीय विधायक के तौर पर इस्तीफा देने वाले विधायक भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले हैं.
इन नेताओं के बीजेपी में शामिल होने के दौरान भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल और राज्यसभा चुनाव जीते हर्ष महाजन मौजूद रहने वाले हैं.
बीजेपी में शामिल होने वाले नेताओं की लिस्ट
- धर्मशाला- सुधीर शर्मा
- लाहौल स्पीति- रवि ठाकुर
- सुजानपुर- राजिंदर राणा
- बड़सर- इंद्र दत्त लखनपाल
- गगरेट- चैतन्य शर्मा
- कुटलैहड़- देवेंद्र कुमार भुट्टो
- नालगढ़- कृष्ण लाल ठाकुर
- देहरा- होशियार सिंह
- हमीरपुर- आशीष शर्मा
लोकसभा चुनाव के साथ उपचुनाव की घोषणा
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में लोकसभा चुनाव सातवें और आखिरी चरण में होने हैं. चार लोकसभा सीट पर चुनाव के साथ यहां छह विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव भी होना है. तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे के बाद खाली सीटों के लिए उपचुनाव कराया जा रहा है. ऐसे में संभावना है कि यहां भी चुनाव आयोग जल्द ही उपचुनाव की घोषणा कर दे. हालांकि इससे इतर बीजेपी एक अन्य फॉर्मूला पर भी काम कर रही है. इससे प्रदेश में उपचुनाव ही नहीं, मध्य अवधि चुनाव की स्थिति तक पैदा हो सकती है.