Lok Sabha Election 2024: तेलुगू देशम पार्टी और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का मन बीते कुछ दिनों में बदलने लगा है. पहले एनडीए के साथ रहे चंद्रबाबू नायडू बीते लोकसभा चुनाव से पहले ही बागी हो गए थे. इसके बाद उन्होंने बीजेपी को चुनौती देने की ठान ली और विपक्षी दलों को लामबंद करने में जुट गए. कांग्रेस से बात नहीं बनी तो तीसरे मोर्चे का भी प्रयास किया.
पूर्व मुख्यमंत्री ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से भी कई बार सलाह ली. महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के बड़े नेताओं शरद पवार, उद्धव ठाकरे और ममता बनर्जी से मुलाकात कर तीसरे मोर्च का भी प्रयास किया. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार और अखिलेश यादव को भी साथ लाने का प्रयास किया. लेकिन इसके बाद जब उनके प्रयास फेल होने लगे तो उन्होंने खामोश रहना ही सही समझा था.
नई राह खोज रहे चंद्रबाबू नायडू
माना जा रहा था कि बीजेपी के खिलाफ आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बन रहे गठबंधन में चंद्रबाबू नायडू विपक्षी दलों का साथ देंगे क्योंकि पहले उन्होंने ही बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एक करने का प्रयास किया था. लेकिन विपक्षी दलों इंडिया गठबंधन से उनकी दूरी ही नजर आई है. उन्होंने अभी तक इनके गठबंधन की किसी भी बैठक में हिस्सा नहीं लिया और उस गठबंधन के साथ जाने में दिलचस्पी भी नहीं दिखा रहे हैं.
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लेकिन अब उनका मन बदलता नजर आ रहा है. चंद्रबाबू नायडू को रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण भेजा गया था. उन्होंने पहले निमंत्रण को स्वीकार किया और फिर उन्होंने अयोध्या में हुए इस समारोह में हिस्सा भी लिया तो कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई. इस समारोह के बाद उनकी मुलाकात डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से हुई और तस्वीर सामने आई तो अटकलों का बाजार और तेज हो गया.
इसके पीछे एक और तर्क दिया जा रहा है. बीजेपी के खिलाफ बीते लंबे वक्त से वो खामोश नजर आ रहे हैं. विपक्षी दलों के नेताओं पर जांच एजेंसियों द्वारा हो रही लगातार कार्रवाई पर भी उन्होंने लंबे वक्त से चुप्पी साध रखी है. जिसके बाद कई राजनीति के जानकार उनके एनडीए में आने की संभावना जता रहे हैं और माना जा रहा है कि चंद्रबाबू नायडू नई राह खोज रहे हैं.