Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा का चुनाव होना है. जिसको देखते हुए सभी राजनीतिक दलों ने अपने-अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. इसी बीच, सीएम एकनाथ शिंदे की पार्टी द्वारा विधानसभा का टिकट देने से मना किए जाने के बाद शिवेसना विधायक श्रीनिवास वंगा सोमवार से लापता हैं. इस बात की जानकारी उनके परिवार ने दी है. उनके परिवार के सदस्यों ने बताया कि पालघर विधायक पिछले दो दिनों से परेशान थे. इतना ही नहीं वह आत्महत्या करने का भी विचार कर रहे थे.
श्रीनिवास वंगा की पत्नी ने मीडिया को बताया कि वह खाना-पीना छोड़ दिए थे और सोमवार शाम को बिना किसी को बताए घर से चले जाने तक रोते रहे थे. उन्होंने बताया कि उसके बाद विधायक से संपर्क नहीं हो पाया और उनके दोनों फोन भी बंद है.
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शिवसेना ने नहीं दिया टिकट
बता दें कि दिवंगत बीजेपी सांसद चिंतामन वंगा के बेटे श्रीनिवास ने 2019 के विधानसभा चुनाव में पालघर सीट से शिवसेना उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीता था. उस समय शिवसेना में बंटवारा नहीं हुआ था. शिवसेना के बंटवारे के बाद में वंगा ने शिंदे का समर्थन किया था. वंगा को लग रहा था कि शिवसेना उन्हें फिर से अपना उम्मीदवार बनाएगी, लेकिन पार्टी ने पूर्व सांसद राजेंद्र गावित को मैदान में उतारा है. इन्होंने ठाकरे के खिलाफ विद्रोह में शिंदे और कुछ विधायकों का समर्थन किया था.
‘सीएम शिंदे का साथ देकर गलती कर दी’
सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए वंगा ने अपनी नाराजगी जाहिर की और शिंदे पर उनके लिए वफादार होने के बाद भी धोखा देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मैंने सीएम एकनाथ शिंदे का साथ देकर और उनकी पार्टी में शामिल होकर बहुत ही बड़ी गलती कर दी. पालघर से टिकट देने से इनकार करते हुए पार्टी नेताओं ने वंगा को बताया कि इंटरनल सर्वे के नतीजे उनके पक्ष में नजर नहीं आ रहे हैं और वह इस सीट से दोबारा वहां पर नहीं चुने जाएंगे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शिंदे ने हाल ही में वंगा को भरोसा दिया था कि वह दहानू सीट से बीजेपी के उम्मीदवार होंगे, लेकिन सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा पार्टी ने इस सीट से विनोद मेधा को उम्मीदवार घोषित कर दिया.
उद्धव ठाकरे से माफी मांगी
सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में वंगा रो पड़े. उन्होंने उद्धव ठाकरे को छोड़कर शिंदे के साथ जाने के लिए खेद जताया. वह उनके लिए भगवान की तरह थे. उन्होंने ठाकरे से माफी भी मांगी. इसी बीच, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता वंगा को विधान परिषद का सदस्य बनाने का वादा करके उन्हें खुश करने की कोशिश कर रहे हैं. शिवसेना यूबीटी के स्थानीय नेता सोमवार रात वंगा के घर पर गए, लेकिन उनसे मुलाकात नहीं हो सकी.