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नगर निकाय चुनाव अकेले लड़ेगी NCP, अजीत पवार ने किया ऐलान, महायुति सरकार पर उठने लगे सवाल

Maharashtra, Politics, Ajit Pawar

अजीत पवार

Maharashtra Civic Polls: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने रविवार को कहा कि पार्टी महाराष्ट्र में स्थानीय और नगर निकाय चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ेगी. उपमुख्यमंत्री ने पिंपरी चिंचवाड़ में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक में कहा, “एनसीपी ने महायुति सहयोगियों के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था. पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव भी सहयोगियों के साथ लड़ेगी. हालांकि, हम नगर निकाय और नगर निकाय चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ेंगे.”

पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ में NCP की अच्छी-खासी उपस्थिति

बता दें कि अजीत पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से न केवल विधानसभा चुनाव के लिए बल्कि एनसीपी की जीत के लिए स्थानीय और नगर निकाय चुनावों के लिए भी कमर कसने को कहा. जुलाई 2023 में शरद पवार की अगुआई वाली पार्टी से अजीत पवार के बाहर होने के बाद यह पहली बार होगा जब एनसीपी स्थानीय और नगर निकाय चुनावों में अकेले चुनाव लड़ेगी. एनसीपी की मुंबई और कुछ अन्य शहरों में बड़ी उपस्थिति नहीं है, हालांकि पुणे और पिंपरी चिंचवाड़ में इसकी अच्छी-खासी उपस्थिति है.

स्थानीय और नगर निकाय चुनावों में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी को विभिन्न जिलों और अन्य शहरों में पार्टी संगठन को और मजबूत करने की भी बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. शुक्रवार को राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि पार्टी का इरादा न केवल विधानसभा चुनाव शिवसेना और एनसीपी के साथ लड़ने का है, बल्कि स्थानीय और नगर निकाय के आगामी चुनाव भी लड़ने का है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से मतदाताओं तक पहुंच बढ़ाने को कहा है.

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महायुति विधानसभा चुनाव तक बनी रहेगी: अजीत पवार

अजित पवार ने पर्याप्त संकेत दिए हैं कि महायुति विधानसभा चुनाव तक बनी रहेगी, जबकि तीन पार्टियां जिला परिषदों, पंचायत समितियों और नगर निगमों के चुनाव स्वतंत्र रूप से लड़ने का विकल्प चुन सकती हैं. 27 नगर निगमों, 25 जिला परिषदों और कुछ नगर पालिकाओं के चुनाव लगभग दो साल से लंबित हैं.

अजित पवार की घोषणा आरएसएस से जुड़े मराठी साप्ताहिक ‘विवेक’ के उस बयान के बाद आई है जिसमें कहा गया था कि भाजपा कार्यकर्ताओं को पार्टी का एनसीपी के साथ हाथ मिलाना पसंद नहीं आया. इससे पहले, आरएसएस से जुड़ी एक अन्य पत्रिका ‘ऑर्गनाइजर’ ने भी कहा था कि लोकसभा के नतीजे अति आत्मविश्वासी भाजपा के लिए वास्तविकता की परीक्षा के रूप में आए हैं.

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