Mamta Banerjee: पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने झारखंड बॉर्डर को सील करने का आदेश 24 घंटे के बाद ही वापस ले लिया है. इस फैसले के बाद मैथन, जमशेदपुर, दुमका, जामताड़ा, पाकुड़ और बोकारो बॉर्डर को खोला गया और वाहनों का आना जाना शुरू हो गया. हालांकि, बहरागोड़ा, पटमदा और दुमका के महेशखला बॉर्डर जैसे कुछ स्थानों पर अब भी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगी हुई है.
पिछले 24 घंटे तक सीमा सील रहने से झारखंड से बंगाल जाने वाले कई हजारों वाहन बॉर्डर पर फंसे रहे. बॉर्डर सील के पीछे की वजह मैथन, पंचेत और तेनुघाट डैमों से छोड़े गए पानी से नाराजगी मानी जा रही है, जिसने पश्चिम बंगाल के कई जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है. इससे नाराज होकर पश्चिम बंगाल ने झारखंड के साथ सभी बॉर्डर बंद कर दिए थे.
ममता की धमकी और मदद की मांग
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने इस स्थिति के लिए झारखंड द्वारा डैमों से पानी छोड़ने को जिम्मेदार बताया. उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर डीवीसी के साथ समझौते को रद्द करने की धमकी दी. ममता बनर्जी ने कहा कि झारखंड द्वारा पानी छोड़ने के कारण दक्षिण बंगाल के जिलों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई हैऔर इससे भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने केंद्र से इससे निपटने के लिए मदद की मांग की.
सड़े ट्रकों में लदे फल और सब्जियां
जाम की स्थिति इतनी ज्यादा थी कि बहरागोड़ा में सड़क के दोनों किनारों पर 10 हजार से ज्यादा गाड़ियां फंसी हुई थी. जाम खुलना रात 11.45 बजे से शुरू हुआ, जबकि पटमदा सीमा पर 16 किमी लंबी गाड़ियों की लाइन लगी हुई थी. मैथन में भी स्थानीय लोगों ने बंगाल से झारखंड आने वाले वाहनों को भी रोकना शुरू कर दिया था, जिससे स्थिति और भी बिगड़ गई थी. फंसे हुए वाहनों में लदा फल, सब्जियां जैसा खाने का सामान सड़ने लगा था. कुछ वाहनों में लदे भेड़-बकरियों की स्थिति और भी खराब हो गई थी, जबकि अन्य ट्रकों में आटा, चीनी, कोयला और शाल पत्ता जैसी सामग्रियां लदी थीं. बॉर्डर पर जाम में फंसे इन ट्रक ड्राइवरों को खाने-पीने के लिए भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
यह भी पढ़ें: क्या कुमारी शैलजा का बीजेपी में होगा नया सफर? हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले खट्टर ने खोली संभावनाओं की किताब