BJP Meeting: लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में बहुत अच्छा नहीं रहा. चुनाव नतीजों के बाद पीएम मोदी ने पार्टी हेडक्वार्टर में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं के साथ दो दिनों तक बैठक की. भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्यों में चल रही विभिन्न विकास योजनाओं पर प्रस्तुतियां दीं, जबकि पीएम मोदी सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं ने रविवार को लगातार दूसरे दिन शासन के मुद्दों पर उनके साथ विचार-विमर्श किया. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अमित शाह और जे पी नड्डा भी शामिल हुए.
सरकार और संगठन के बीच कॉर्डिनेशन बने: पीएम मोदी
इस दौरान पीएम मोदी भाजपा शासित राज्यों में चल रही कल्याणकारी योजनाओं कवरेज सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें सुशासन के उदाहरण के रूप में देखा जाना चाहिए. वहीं यूपी बीजेपी में मचे बवाल पर भी पीएम मोदी ने सुझाव दिया. उन्होंने कहा, “बेहतर यही है कि संगठन और सरकार के बीच कॉर्डिनेशन बनाया जाए और केंद्र सरकार की योजना को सहजता से लागू किया जाए.”
यूपी बीजेपी में बवाल!
बता दें कि यूपी बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. दरअसल, कुछ दिन पहले पार्टी के कार्यसमिति की बैठक हुई थी. इस दौरान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि संगठन सरकार से बड़ा था, बड़ा है और बड़ा ही रहेगा. इसके बाद विधानसभा उपचुनाव के लिए सीएम योगी ने भी 30 मंत्रियों की एक टीम बनाई. 1 सीट के लिए 3 मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई, लेकिन इस टीम में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक को जगह नहीं दी गई.
पिछले दिनों दोनों उपमुख्यमंत्री हाईकमान से मिलने दिल्ली भी आए थे. तब जेपी नड्डा और अमित शाह से दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी. हालांकि, मामला शांत नहीं हुआ. अब कहा जा रहा है कि बीजेपी की बैठक में पीएम मोदी के संदेश से पार्टी, सरकार और संगठन का यह मामला ठीक हो सकता है.
मन छोटा करने की जरूरत नहीं: पीएम मोदी
इतना ही नहीं, लोकसभा चुनाव में हुए नुकसान को लेकर पीएम मोदी ने कहा, “मन छोटा करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि मनोबल बढ़ाए रखिए. पीएम मोदी ने कहा कि पार्टी ने लोकसभा और विधानसभा दोनों में ही बेहतर परफॉर्म किया और किसी भी तरह से मन छोटा करने की जरूरत नहीं है.
पीएम मोदी ने कहा, “अयोध्या, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के तर्ज पर अन्य राज्यों में भी सांस्कृतिक उत्थान के कार्यक्रमों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. इसके लिए सभी राज्यों को अपने-अपने क्षेत्र में योजना बनाकर प्राचीन और सांस्कृतिक महत्व के स्थलों की मरम्मत कर उन्हें दोबारा स्थापित करने की कोशिश करनी चाहिए. इससे पहले, शनिवार को एक्स पर कहा, “हमारी पार्टी सुशासन को आगे बढ़ाने और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए अथक प्रयास कर रही है.”