Manipur Violence: मणिपुर में बढ़ी हिंसा के बीच भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्र सरकार ने राज्य में 5,000 से ज्यादा CAPF की 50 कंपनियां भेजने का फैसला लिया है. इनमें से 35 यूनिट केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल से और बाकी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स BSF से होंगी. सीआरपीएफ के डायरेक्टर जनरल ए.डी. सिंह और अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) के वरिष्ठ अधिकारी भी राज्य में मौजूद हैं.
देश का उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में जल रहा है. पूर्वोत्तर राज्य में सुरक्षा और कानून व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर केंद्र सरकार न यह फैसला लिया है. मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने सोमवार शाम 6 बजे एनडीए के मंत्रियों और विधायकों की एक मीटिंग बुलाई है. इस मीटिंग में राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की जा सकती है.
इससे पहले एनपीपी ने NDA से अपना समर्थन वापस ले लिए है. NPP ने दावा किया कि राज्य की बीरेन सिंह सरकार पूर्वोत्तर राज्य में समस्या को हल करने में पूरी तरह से नाकामयाब साबित हुई है. NPP के बीजपी से समर्थन वापस लेने से भी बीजेपी पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. क्योंकि बीजेपी के पास अपने 32 विधायकों का बहुमत हासिल है.
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पुलिस की गोली से प्रदर्शनकारी की मौत
बता दें, जिरिबाम जिले में रविवार को एक मैतेई प्रदर्शनकारी को पुलिस की गोली लग गई थी. जिस कारण प्रदर्शनकारी की मौत हो गई. इसके बाद हालात खराब हो गए. इसे देखते हुए राज्य में 2 दिन के लिए स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है. इधर, सोमवार को देश के गृह मंत्री अमित शाह राज्य के सुरक्षा हालात का रिव्यू करेंगे. वहीं, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी मणिपुर हिंसा से जुड़े 3 मामलों की जांच करेगी.