Vistaar NEWS

Mauni Amavasya: कब है मौनी अमावस्या? जानिए क्या दान करने से पितृ देंगे आशीर्वाद

mauni amavasya snan

प्रतीकात्मक तस्वीर

Mauni Amavasya: हिंदू पंचांग के अनुसार माघ कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को मौनी अमवास्या के नाम से जाना जाता है. इस दिन मौन रहकर पवित्र नदी , जलाशय या कुंड में स्नान करना बेहद फलदाई माना जाता है. जानिए मौनी अमावस्या के दिन कौन-कौन से शुभ संयोग बन रहे हैं और क्या दान करने से आपके पितृ खुश होंगे और आपको आशीर्वाद देंगे.

कब है मौनी अमावस्या 

9 फरवरी 2024, दिन शुक्रवार को मौनी अमावस्या है. मौनी अमावस्या यानी एक मात्र अमावस्या है, जिसमें मौन व्रत रखकर धर्म कर्म करने से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है. चलिए जानते हैं ज्योतिषाचार्य डॉ दत्तात्रेय होस्केरे से मौनी अमावस्या की शुभ मुहूर्त, महत्व और करें, क्या नहीं करें…

 मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त

– मौनी अमावस्या प्रारंभ 9 फरवरी 2024 सुबह 8.02 बजे 

-अमावस्या समापन 10 फरवरी 2024 को सुबह 4.28 बजे तक

 मौनी अमावस्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त

– 9 फरवरी, दिन शुक्रवार सुबह 05:21 बजे से 6:12 बजे तक

– सुबह 07:05 बजे से पूरे दिन स्नान, दान और पूजा के लिए शुभ है

सर्वार्थ सिद्धि योग में मौनी अमावस्या

मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है, इस दिन किए गए कार्य सफल सिद्ध होते हैं. सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07:05 बजे से बन रहा है, जो रात 11: 29 बजे तक रहेगा.

मौनी अमावस्या के दिन क्या करें दान ?

मौैनी अमावस्या के दिन तिल, तिल के लड्डू, तिल का तेल, वस्त्र और आंवला दान में देना शुभ माना जाता है इस दिन सूर्य देव को दूध और तिल के साथ अर्घ्य देने से मनोकामना पूरी हो सकती है.

मौनी अमावस्या का धार्मिक महत्व

मौनी अमावस्या का बड़ा धार्मिक महत्व है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए.इसलिए इस शुभ अवसर पर गंगा स्नान जरूर करना चाहिए. इस दिन कई धार्मिक अनुष्ठान भी किया जाता है. जिन्हें करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.कहा जाता है पूजा-अर्चना के लिए यह दिन बेहद कल्याणकारी है.

मौनी अमावस्या पर क्या करें?

-मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए.

-स्नान के बाद आटे की गोलियां बनाएं और उसे मछलियों को खिलाएं.

-चींटियों को आटे में शक्कर मिलाकर  ऐसा करने से पाप कर्म क्षय हो जाते हैं.

-अमावस्या के दिन पूजा, जप-तप और ध्यान करना चाहिए.

-पीपल के पेड़ की पूजा करने के बाद 108 बार तुलसी की परिक्रमा भी करें.

-मौनी अमावस्या के दिन गरीबों, जरुरतमंदों को धन, अन्न आदि चीजों का दान जरूर करें.

मौनी अमावस्या के दिन क्या नहीं करना चाहिए

-मौनी अमावस्या के दिन मौन रहकर मन को शांत रखें.

-इस दिन छल-कपट, धोखाधड़ी नहीं करना चाहिए.

-अनैतिक कार्यों से बचना चाहिए.

-कटु वचन बोलने से बचना चाहिए.

-वाणी और मन पर संयम रखना चाहिए.

-सात्विक भोजन करना चाहिए.

 काल सर्प दोष दूर होगा

कालसर्प दोष निवारण से मुक्ति के लिए मौनी अमावस्या पर स्नान ध्यान करने के बाद चांदी से बने नाग-नागिन की पूजा करें और फिर बहते जल में नाग-नागिन का जोड़ा प्रवाहित कर दें.

मेले का होगा आयोजन

इस मौके पर कई जगहों पर मेला भी लगता है. वहीं प्रयागराज में भी माघ मेले का आयोजन होता है जहां स्नान दान किया जाता है.मौनी अमावस्या पर पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए व्रत रखा जाता है.

Exit mobile version