Mehbooba Mufti: जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में में हुए आतंकी हमले को लेकर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने एक बड़ा बयान दिया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट में उन्होंने कहा कि सोनमर्ग में हुए बर्बर हमले के बाद ऐसी खबर हैं कि स्थानीय प्रशासन नॉन-लोकल मजदूरों पर तुरंत घाटी छोड़ने का क दबाव बना रहा है. मैं समझती हूं कि यह उनकी घबराहट है. मगर, इन्हें इस तरह से चले जाने के लिए कहना कोई समाधान नहीं है. ऐसा करने से केवल और अधिक कठिनाइयां पैदा होंगी और देश में बहुत बुरा संदेश जाएगा.
पूर्व सीएम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में शांतीपूर्ण और आतंक मुक्त चुनाव संपन्न हुए हैं. अब ऐसी त्वरित प्रतिक्रिया से दूसरे राज्यों में काम करने और पढ़ने वाले कश्मीरियों के खिलाफ भी नाराजगी हो सकती है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और राज्यपाल मनोज सिन्हा से निवेदन है कि हस्तक्षेप करें और कम से कम उन्हें पर्याप्त समय दिया जाए.
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आतंकी हमले में मारे गए 6 लोग
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरंग निर्माण स्थल पर आतंकवादी हमला हुआ. इसमें एक डॉक्टर और 6 मजदूरों की मौत हो गई. गुंड इलाके में सुरंग परियोजना पर कार्यरत मजदूर रविवार देर शाम जब अपने शिविर में लौट, तब आतंकवादियों ने उनपर हमला कर दिया.
After the barbaric attack at Sonamarg there are reports that the local admin is pressurising non local labourers to leave the valley immediately. While I understand their obvious sense of panic but asking them to leave in this manner is not a solution. Will only create more…
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 22, 2024
इल्तिजा मुफ्ती की तीखी प्रतिक्रिया
पीडीपी की नेता और महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने भी गांदरबल हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव या अंतरराष्ट्रीय मैराथन जैसे बड़े आयोजन इस सच्चाई को नहीं छिपा सकते कि कश्मीर में एक ऐसी समस्या है जिसे हल करने के वास्तविक प्रयासों की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि चुनाव, मैराथन या नई सरकार का शपथ ग्रहण. इनमें से कोई भी चीज इस सच्चाई को नहीं छिपा सकते या फिर नजरअंदाज कर सकते, जो घिनौनी है.
इल्तिजा ने एक्स पर पोस्ट किया, कश्मीर में एक ऐसी समस्या है, जो दशकों से निर्दोष लोगों की जान ले रही है. यह तब तक जारी रहेगी जक तक हम इसे स्वीकार नहीं करते और इसे हल करने के लिए वास्तविक प्रयास नहीं करते.