Modi 3.O Cabinet: इस आम चुनाव में बीजेपी को तमिलनाडु में एक भी सीट नहीं मिली. लेकिन नरेंद्र मोदी को भरोसा है कि एक दिन वह यहां सबसे ज्यादा सीटें जीतेंगे.. तमिलनाडु में बीजेपी प्रमुख अन्नामलाई ने इस बार कड़ा संघर्ष किया लेकिन पार्टी हार गई. फिर भी अन्नामलाई निराश नहीं हुए. उन्होंने कहा कि अगर वह करुणानिधि के बेटे होते तो बीजेपी सभी सीटें जीतती. हालांकि, बीजेपी ने अब साउथ की राजनीति को साधते हुए अन्नामलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की योजना बनाई है. ऐसा नहीं है कि बीजेपी सिर्फ अन्नामलाई को मंत्री बनाने जा रही है.सुरेश गोपी, रवनीत सिंह बिट्टू ऐसे दो और भी नाम हैं जो हार के बाद भी मंत्री बनने जा रहे हैं. आइये यहां विस्तार से जानते हैं कि इन्हें मंत्री बनाने के पीछे बीजेपी का क्या मकसद है.
के अन्नामलाई
सबसे पहले बात तमिलनाडु की कर लेते हैं. इस बार के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने दक्षिण के राज्यों पर काफी फोकस किया था, जिसका फायदा होता हुआ भी नजर आया. तमिलनाडु में भी बीजेपी को भले ही एक भी सीट न मिली हो, लेकिन पार्टी का वोट शेयर खूब बढ़ा इसका काफी श्रेय तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के. अन्नामलाई को जाता है. अन्नामलाई ने साउथ में भाजपा का जनाधार बढ़ाने का कठिन काम अपने हाथों में लिया. तमिलनाडु में भाजपा का वोट शेयर 11.24 फीसदी तक पहुंच गया है, जो पिछले लोकसभा चुनाव में सिर्फ 3.6 प्रतिशत था. भाजपा अन्नामलाई के जरिए अब साउथ की राजनीति को साधने में जुट गई है. केंद्रीय मंत्रिमंडल में अन्नामलाई को शामिल करके बीजेपी ग्राउंड जीरो पर अपनी उपस्थिति को मजबूत करने की कोशिश के साथ-साथ दक्षिण के राज्यों को मैसेज दे रही है कि वहां के लोगों की भी केंद्र में भागीदारी है. उनका कोई अपना केंद्रीय मंत्रिमंडल में है.
रवनीत सिंह बिट्टू
बिट्टू दिल्ली पहुंच गए हैं. बिट्टू तीन बार कांग्रेस से सांसद रह चुके हैं और पंजाब के दिवंगत सीएम बेअंत सिंह के पौत्र हैं. किसानों के खिलाफ बिट्टू मुखर हैं और पंजाब के किसानों को चुनावों के दौरान धमकी तक दे दी थी. तीन बार के कांग्रेस सांसद बिट्टू हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए. लुधियाना लोकसभा सीट पर पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने रवनीत बिट्टू को इस बार चुनावी शिकस्त दी। बिट्टू 2009 में आनंदपुर साहिब, 2014 और 2019 में लुधियाना से कांग्रेस के टिकट पर लगातार चुनाव जीतते आये हैं. रवनीत बिट्टू लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. वहीं, अमित शाह ने चुनाव के दौरान कहा था बिट्टू मेरा दोस्त है.
लुधियाना में रवनीत बिट्टू ने पूरी ताकत से चुनाव लड़ा है और लुधियाना शहरी के सभी 5 विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज की है. किसान आंदोलन के कारण उन्हें ग्रामीण क्षेत्र में घुसने नहीं दिया गया, जिस कारण वे वहां से हार गए परंतु भाजपा नेतृत्व को लुधियाना लोकसभा में लोगों का मिला अपार समर्थन लुभा गया है और उन्हें विधानसभा और नगर निगम के चुनावों में लुधियाना में जबरदस्त जीत दर्ज होती दिखाई दे रही है. इस लहर को बनाए रखने के लिए रवनीत बिट्टू को केंद्रीय राज्यमंत्री का पद देकर केंद्र सरकार ने पंजाब में भाजपा का विस्तार करने के लिए ताकत बख्शी है.
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सुरेश गोपी
केरल में पहली बार कमल खिलाने वाले सुरेश गोपी को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की बात हो रही है. नई दिल्ली से उन्हें फोन भी जा चुका है. अभिनेता से नेता बने और त्रिशूर लोकसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित सांसद सुरेश गोपी ने कहा कि उन्हें फिलहाल इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की नई सरकार में उन्हें क्या भूमिका दी जाएगी. अब बीजेपी केरल में सुरेश गोपी के सहारे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश में है. इस वजह से ही इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करने की योजना पर काम शुरू हुआ है.