UAPA: केंद्र सरकार ने बुधवार को मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू एंड कश्मीर (सुमजी गुट) और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू एंड कश्मीर (भट गुट) को बैन कर दिया. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी. इन संगठनों पर यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई है. अमित शाह ने एक्स पोस्ट में लिखा, “सरकार ने मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर (सुमजी गुट) और मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू और कश्मीर (भट गुट) को गैरकानूनी संघ घोषित कर दिया है.” उन्होंने कहा कि ये संगठन देश की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ गतिविधियों में शामिल रहे हैं. गृह मंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आतंकवाद को उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध है और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.”
Striking terror networks with undiminished vehemence the government has declared the Muslim Conference Jammu & Kashmir (Sumji faction) and Muslim Conference Jammu & Kashmir (Bhat faction) as Unlawful Associations.
These outfits have been engaging in activities against the…
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) February 28, 2024
आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने में शामिल रहे हैं ये संगठन: केंद्र सरकार
गृह मंत्रालय ने बुधवार को एक अधिसूचना में कहा कि गुलाम नबी सुमजी की अध्यक्षता वाला मुस्लिम कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर-सुमजी गुट (एमसीजेके-एस) अपने भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक प्रचार के लिए जाना जाता है. इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने और आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान करने में शामिल रहे हैं. अधिसूचना में कहा गया है,”एमसीजेके-एस के नेता और सदस्य जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने और सुरक्षा बलों पर निरंतर पथराव सहित गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान और उसके प्रॉक्सी संगठनों सहित विभिन्न स्रोतों से धन जुटाने में शामिल रहे हैं.”
अधिसूचना में कहा गया है,”एमसीजेके-एस के नेता और सदस्य जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने और सुरक्षा बलों पर निरंतर पथराव सहित गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान और उसके प्रॉक्सी संगठनों सहित विभिन्न स्रोतों से धन जुटाने में शामिल रहे हैं.” इसके अलावा गृह मंत्रालय ने कहा, “एमसीजेके-एस ने लगातार कश्मीर के लोगों को चुनाव में भाग लेने से परहेज करने के लिए कहा है और इस तरह भारतीय लोकतंत्र के संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त बुनियादी सिद्धांतों को निशाना बनाया और बाधित किया है.”