Money Laundering Case: राजधानी पटना में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आईएएस संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव को गिरफ्तार कर लिया है. ईडी पिछले कई महीनों से लगातार मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति मामले में आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के खिलाफ जांच कर रही थी. शुक्रवार को भी ईडी की यह जांच चल रही थी. ईडी की जांच में आईएएस और पूर्व विधायक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिलने पर उनकी गिरफ्तारी हुई है.
सबूत मिलने पर हुई गिरफ्तारी
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी पिछले कई महीनों से हंस और यादव के ठिकानों पर छापे मार रही थी. शुक्रवार को भी इन दोनों के कई ठिकानों पर ईडी की छापेमारी चल रही थी. शुक्रवार देर शाम संजीव हंस और गुलाब यादव को गिरफ्तार किया है. मिल रही जानकारी के मुताबिक ईडी ने यह कदम पर्याप्त सबूत मिलने पर किया है. ईडी ने संजीव हंस को उनके पटना स्थित सरकारी आवास से गिरफ्तार किया. वहीं ईडी ने आईएएस के कथित पार्टनर और पूर्व आरजेडी विधायक गुलाब यादव को दिल्ली स्थित एक रिसोर्ट से गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद दोनों का मेडिकल करा कर उनसे पूछताछ की जा रही है.बिहार से मुंबई तक ईडी का छापा
पिछले माह यानी सितंबर में भी IAS हंस के अलावा उनके करीबियों के यहां भी ईडी की छापेमारी हुई थी. हंस के करीबियों के दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में ईडी ने छापेमारी की थी. उस छापेमारी में ईडी को नकद रुपए, सोने-चांदी के जेवर और इनवेस्टमेंट के डॉक्यूमेंट बरामद हुए थे.
छापेमारी में मिली करोड़ों की संपत्ति
जिसमें हंस के करीबी विपुल बंसल, एसके खान और पुष्पराज बजाज के ठिकानों से ईडी के हाथ कई चीजें लगी थी. दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में हुई इस कार्रवाई में ईडी को 87 लाख रुपए नकद, सोने के आभूषण, 13 किलो चांदी और रियल स्टेट में निवेश से जुड़े पेपर मिले थे.
ईडी ने अपने बयान में साफ कहा था कि धन-शोधन गतिविधियों में आईएएस हंस की संलिप्तता की जांच में संजीव हंस, आईएएस के करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर तलाशी ली गई। तलाशी अभियान के दौरान, विभिन्न अपराध-संकेत दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य, 87 लाख रुपए की अस्पष्टीकृत नकदी, 11 लाख रुपए की कीमत के 13 किलोग्राम चांदी के सिक्के और 1.5 करोड़ रुपए के 2 किलोग्राम सोने के सिक्के और आभूषण बरामद करके जब्त किए गए हैं.
उस वक्त ईडी ने अपने बयान में कहा था कि पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत संजीव हंस, आईएएस और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 10.09.2024, 11.09.2024 और 12.09.2024 को दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में 5 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया गया था.
सितंबर से पहले जुलाई में भी हंस और यादव के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। बता दें, आईएएस संजीव हंस बिहार में ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के साथ-साथ बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड (BSPHCL) के सीएमडी थे.
करोड़ों की प्रॉपर्टी
बिहार में स्मार्ट मीटर लगाओ अभियान लागू करने में संजीव हंस ने काफी तेजी दिखाई थी. कई मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि हंस ने अपनी कमाई से चंडीगढ़ में 95 करोड़ का रिसॉर्ट खरीद रखा है. हंस की सख्ती की वजह से बिहार में प्रीपेड मीटर की इतनी डिमांड बढ़ाई कि मीटर वालों ने मर्सिडीज कार भी उन्हें गिफ्ट में दी थी. संजीव के पास चंडीगढ़, गोवा और पुणे में प्रॉपर्टी की चेन है, जिसकी जांच में ईडी लगी हुई है .
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रेप का भी आरोप
बिहार में जब हंस के खिलाफ ईडी की पहली कार्रवाई हुई तो बिहार सरकार ने आईएएस का तबादला कर दिया था. उनकी पोस्टिंग सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) में कर दी गई थी. संजीव हंस के खिलाफ ईडी जांच लगातार जारी थी. उन पर आय से ज्यादा संपत्ति अर्जित करने का आरोप है. इससे पहले एक महिला वकील ने हंस और गुलाब यादव पर रेप का केस भी किया था. हालांकि पटना हाईकोर्ट से हंस को राहत मिल गई थी.