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Halwa Ceremony: बजट 2024 से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बांटा हलवा, सेरेमनी में मौजूद रहे कई अधिकारी और कर्मचारी

Halwa Ceremony

Halwa Ceremony के दौरान हलवा बांटती नजर आईं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

Halwa Ceremony: मंगलवार को नॉर्थ ब्लॉक में वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट के लिए बजट तैयार करने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में हलवा सेरेमनी का आयोजन किया गया. इस समारोह में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, राज्य मंत्री पंकज चौधरी और सचिवों की उपस्थिति रही. इस अवसर पर बजट तैयारी और संकलन प्रक्रिया में शामिल अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद थे. बजट तैयारी की “लॉक-इन” प्रक्रिया शुरू होने से पहले हर साल एक पारंपरिक हलवा समारोह आयोजित किया जाता है.

दशकों से चली आ रही है यह परंपरा

हलवा सेरेमनी नॉर्थ ब्लॉक में एक बड़ी ‘कड़ाही’ में भारतीय मिठाई तैयार करने की एक प्रक्रिया है. वित्त मंत्री औपचारिक रूप से ‘कड़ाही’ को हिलाते हैं और बजट बनाने की प्रक्रिया में शामिल सभी लोगों को हलवा परोसते हैं. यह परंपरा वित्त मंत्रालय के सभी अधिकारियों की कड़ी मेहनत को स्वीकार करने का एक तरीका भी है.

वित्त मंत्रालय से बाहर नहीं जा सकते कोई भी अधिकारी!

हलवा समारोह संसद में प्रस्तुति से पहले सभी बजट दस्तावेजों को प्रिंट करने की प्रक्रिया की शुरुआत करता है. हलवा समारोह के बाद वित्त मंत्रालय में लॉकडाउन की शुरुआत हो जाती है. इसका मतलब है कि किसी भी अधिकारी को मंत्रालय परिसर से बाहर जाने की अनुमति नहीं है. संसद में वित्तीय दस्तावेज पेश किए जाने के बाद ही बजट टीम के सभी सदस्यों को बाहर जाने की अनुमति दी जाती है. नॉर्थ ब्लॉक स्थित बेसमेंट के अंदर केंद्रीय बजट की छपाई 1980 से एक स्थायी विशेषता बन गई है.

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संसद का बजट सत्र 22 जुलाई से शुरू होगा और तय कार्यक्रम के अनुसार 12 अगस्त को समाप्त होगा. इस आगामी बजट प्रस्तुति के साथ, सीतारमण पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड को पीछे छोड़ देंगी, जिन्होंने वित्त मंत्री के रूप में 1959 और 1964 के बीच पांच वार्षिक बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था. सीतारमण का आगामी बजट भाषण उनका छठा बजट होगा. पिछले कुछ पूर्ण केंद्रीय बजटों की तरह, बजट 2024 भी कागज रहित रूप में पेश किया जाएगा. देश में आम चुनाव होने वाले थे, इसलिए 1 फरवरी को अंतरिम केंद्रीय बजट 2024 पेश किया गया था. 1 फरवरी को पेश किए गए अंतरिम बजट में लोकसभा चुनावों के बाद सरकार बनने तक की अवधि की वित्तीय जरूरतों का ख्याल रखा गया था.

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