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Munawwar Rana: मां पर लिखी शायरियों से मिली थी मुनव्वर राना को खास पहचान, तीखी जुबान ने विवादों में भी लपेटा

Munawwar Rana

मुनव्वर राना (फोटो: Instagram/ munawwarranaofficial)

Munawwar Rana: कभी सरकार के खिलाफ मंच से शायरी पढ़ते, तो कभी युवा दिलों में प्रेम के रंग घोलते. कुछ ऐसे ही अंदाज लिए इस दुनिया को 71 साल की उम्र में मशहूर शायर मुनव्वर राना ने अलविदा कह दिया, वो लंबे समय से बीमार चल रहे थे. रविवार को देर रात दिल का दौरा पड़ने से लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में उनकी निधन हो गया. उनके निधन पर तमाम हस्तियों ने शोक व्यक्त किया. वहीं सोमवार को गीतकार जावेद अख्तर ने उनके जनाजे को कंधा दिया. 

मां-बेटे के रिश्ते को दिए अल्फाज

जब भी मां-बेटे के रिश्ते की बात आएगी तो हमेशा मुनव्वर राना की मां पर लिखी रचनाएं याद की जाएंगी. उन्होंने मां पर बहुत ही सुंदर लाइन लिखी थीं.

“मुनव्वर मां के आगे यूं कभी खुल कर नहीं रोना,

जहां बुनियाद हो इतनी नमी अच्छी नहीं होती

अभी ज़िंदा है मां मेरी मुझे कुछ भी नहीं होगा,

मैं घर से जब निकलता हूं, दुआ भी साथ चलती है

‘घेर लेने को जब बलाएं आ गई

ढाल बनकर मां की दुआएं आ गईं.’

सरकार विरोधी शायरी

मुनव्वर राना का जीवन उनकी शायरियों के साथ विवादों के लिए भी याद किया जाता है. दरअसल, साल 2021 में किसान आंदोलन के वक्त उन्होंने संसद गिराने को लेकर बयान दिया था. राना ने अपनी शायरी में लिखा था, “इस मुल्क के कुछ लोगों को रोटी तो मिलेगी, संसद को गिराकर वहां कुछ खेत बना दो…अब ऐसे ही बदलेगा किसानों का मुक़द्दर, सेठों के बनाये हुए गोदाम जला दो… मैं झूठ के दरबार में सच बोल रहा हूं, गर्दन को उड़ाओ, या मुझे ज़िंदा जला दो…” राना के इस ट्वीट के बाद देशभर में उनकी आलोचना हुई थी, जिसके बाद उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया था. 

राम मंदिर के विरोध में की थी बयानबाजी

अयोध्या में राम मंदिर बनने के फैसले के खिलाफ भी मुनव्वर राना ने बयानबाजी की थी. उन्होंने पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को लेकर कहा था कि उन्होंने हिंदुओं के पक्ष में लिया है, जिसके बाद उनका विरोध करना शुरू कर दिया था.

अवॉर्ड वापस किया

मुनव्वर राना की हिंदी, अवधी और उर्दू भाषा में कई रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं. उन्हें साल 2014 साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है. हालांकि देश में असहिष्णुता का आरोप लगाते हुए उन्होंने ये अवॉर्ड साल 2015 में वापस लौटा दिया था.

‘शायरी का बड़ा नुकसान’

मुनव्वर राना के निधन पर जावेद अख्तर ने कहा, “उनका जाना शायरी और उर्दू के लिए बड़ा नुकसान है. उनकी कमी हमेशा खलेगी. उनकी शायरी प्रेरक है.” फ्रांस के चर्चित कार्टून विवाद में मुनव्वर ने स्कूल टीचर की गला रेतकर हत्या पर कहा था, “अगर कोई हमारी मां का या हमारे बाप का ऐसा कार्टून बना दे तो हम तो उसे मार देंगे.”

योगी के खिलाफ भी बयानबाजी

साल 2022 के यूपी चुनाव के दौरान मुनव्वर राना ने कहा था कि अगर योगी आदित्यनाथ फिर से मुख्यमंत्री बनते हैं, तो वो यूपी छोड़ देंगे. जब चुनावों में बीजेपी को जीत मिली और योगी आदित्यनाथ फिर सीएम बने, तो सोशल मीडिया पर उनका ये वीडियो काफी वायरल हुआ, जिसके बाद शायर मंजर भोपाली ने उन्हें लिखा कि मुनव्वर भाई, भोपाल में आपके लिए घर हाजिर है.

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