Murshidabad Violence: हाई कोर्ट की जांच रिपोर्ट में TMC नेताओं पर गंभीर सवाल, बीजेपी ने ममता सरकार पर साधा निशाना
बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी
Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में अप्रैल 2025 में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के विरोध में भड़की सांप्रदायिक हिंसा को लेकर कोलकाता हाईकोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति ने अपनी इंक्वायरी रिपोर्ट सौंप दी है. इस रिपोर्ट में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के स्थानीय नेताओं की भूमिका और पुलिस की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं. हाईकोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के सामने आने के बाद से बवाल शुरू हो गया है. TMC पर उठे सवालों के बाद बीजेपी ने ममता बनर्जी पर सवाल खड़े किए हैं.
हिंदू को बनाया गया निशाना- जांच रिपोर्ट
मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच के लिए कोलकाता हाईकोर्ट द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा में हिंदू समुदाय को चुन-चुनकर निशाना बनाया गया, जिसमें 113 घरों को नुकसान पहुंचा. मंदिरों में तोड़फोड़ की गई और तीन लोगों की मौत हुई, जिसमें एक पिता-पुत्र की हत्या शामिल है.
पुलिस पर भी उठे सवाल
रिपोर्ट में धुलियान नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष मेहबूब आलम का नाम प्रमुखता से उल्लेखित किया गया है. जिनके नेतृत्व में 11 अप्रैल, 2025 को हिंसा शुरू हुई. इसके अलावा, एक स्थानीय TMC विधायक की भी मौजूदगी का जिक्र है, जो हिंसा के दौरान मौके पर मौजूद था. मगर इनलोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. समिति ने स्थानीय पुलिस की अनुपस्थिति और निष्क्रियता पर भी अपनी रिपोर्ट में सवाल उठाए हैं. जिसमें पीड़ितों की मदद के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया.
बीजेपी ने सीएम मामला को घेरा
इस जांच रिपोर्ट के सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए TMC और ममता बनर्जी सरकार पर तीखा हमला बोला है. बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि TMC ने हिंदुओं को जानबूझकर निशाना बनाया और कोलकाता पुलिस बस एक मूकदर्शक बनकर दंगाइयों को संरक्षण देती रही.
बीजेपी के प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- ‘TMC, इंडिया गठबंधन और धर्मनिरपेक्षता के कथित चैंपियंस के चेहरे से नकाब उतर गया है. जो लोग कहते थे कि पाकिस्तान से युद्ध करने की क्या जरूरत है, सिर्फ आतंकियों पर कार्रवाई हो, उनमें से किसी ने ये नहीं कहा कि हिंदुओं के खिलाफ हिंसा करने की क्या जरूरत है.’
सुधांशु ने मुर्शिदाबाद हिंसा पर ममता बनर्जी के बयान पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा- ‘TMC ने ये प्रचार करने की कोशिश की थी कि इसमें बाहर के लोग शामिल हैं. रिपोर्ट में टीएमसी के नेता और एमएलए का नाम सामने आया है. इसमें कहा गया है कि 11 अप्रैल को 2 बजे से स्थानीय पार्षद महबूब आलम के निर्देश पर हिंसा हुई और पुलिस और प्रशासन ने कुछ नहीं किया. 113 घर विध्वंस हुए, लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा. गांव के लोगों ने जब मदद की गुहार लगाई, तब पुलिस ने कुछ नहीं किया.’
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कश्मीरी पंडितों के पलायन से जोड़ा जा रहा
बीजेपी ने इसे ममता सरकार की ‘हिंदू विरोधी मानसिकता’ का सबूत बताया और मांग की है कि हिंसा में शामिल TMC नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इस हिंसा की तुलना कश्मीरी पंडितों के पलायन से की, जबकि सुकांत मजूमदार ने ममता बनर्जी पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाया.