Nameplate Row: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कांवड़ यात्रा के रास्ते पर दुकानदारों को नाम लिखने का फरमान सुनाया है, जिसपर जमकर सियासत हो रही है. विपक्षी दल तो इस आदेश का विरोध कर ही रहे थे, लेकिन अब बीजेपी के सहयोगी दल भी इस आदेश के विरोध में उतर आए हैं. जेडीयू, एलजेपी के बाद अब आरएलडी ने योगी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाए हैं. जयंत चौधरी ने कहा कि कांवड़ यात्री जाति-धर्म देखकर सेवा नहीं लेता है. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि तो क्या अब कुर्ते पर नाम लिखवा लें, अब नाम देखकर हाथ मिलाएंगे क्या?
पत्रकारों से बात करते हुए जयंत चौधरी ने कहा, ‘इस मुद्दे को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. बीजेपी ने ज्यादा समझकर फैसला नहीं लिया है. ऐसा लगता है कि अब फैसला तो ले लिया है, इसलिए अब इस पर टिके हुए हैं.अभी भी समय है कि सरकार को फैसला वापस लेना चाहिए.”
नेमप्लेट विवाद पर RLD प्रमुख जयंत चौधरी का बड़ा बयान, बोले- “कहां-कहां लगाओगे, अब कुर्ते पर भी नाम लिखना शुरू कर दें क्या?”@jayantrld #JayantSingh #Nameplatecontroversy #KanwarYatra2024 #VistaarNews pic.twitter.com/DNgvCoz36e
— Vistaar News (@VistaarNews) July 21, 2024
बता दें कि कांवड़ रूट पर नेमप्लेट लगाने को लेकर योगी आदित्यनाथ के कार्यालय की तरफ से एक आदेश जारी किया गया, जिसमें कहा गया कि दुकानदारों को हर हाल में नेमप्लेट लगाना होगा. अब इस आदेश के बाद कई दुकानों के नाम बदल गए हैं. संगम ढाबा अब सलीम भोजनालय हो गया है, चाय लवर्स प्वाइंट का नाम अहमद टी स्टॉल हो गया है. इसी तरह अन्य दुकानों के नाम भी बदल गए हैं. वहीं अब पुलिस ने कुछ पंक्चर बनाने की दुकानों पर भी नेमप्लेट लगवा दिए हैं.
दूसरी तरफ, इस आदेश का जमकर विरोध हो रहा है. समाजवादी पार्टी, बसपा से लेकर कांग्रेस आदि विरोधी दल इस फैसले पर आपत्ति जता रहे हैं. उनका कहना है कि इससे आर्थिक आधार पर भेदभाव बढ़ेगा. वहीं उनका कहना है कि दुकानों पर हिंदू लोग भी काम करते हैं, ऐसे में इस फैसले से उनको भी नुकसान होगा. जबकि सरकार का कहना है कि ये फैसला किसी धर्म-विशेष के लिए नहीं है, बल्कि सभी के लिए है.
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