National Census: 2027 में जनगणना कराने का नोटिफिकेशन जारी, जानें क्या होगा पूरा प्रोसेस
जनगणना का नोटिफिकेशन जारी
National Census: केंद्र सरकार ने 16 जून को जनगणना 2027 के लिए आधिकारिक राजपत्र अधिसूचना जारी कर दी है. यह भारत की 16वीं और स्वतंत्रता के बाद 8वीं जनगणना होगी. कोविड-19 महामारी के कारण 2021 में होने वाली जनगणना स्थगित हो गई थी. जिसके बाद अब 2027 में यह प्रक्रिया पूरी होगी. इस जनगणना की खासियत यह है कि इसमें पहली बार आजादी के बाद जातिगत आंकड़े भी शामिल किए जाएंगे, और यह पूरी तरह डिजिटल होगी.
दो फेज में होगी जनगणना
भारत सरकार ने सोमवार को जनगणना 2027 को अधिसूचित जारी की. इससे अब आधिकारिक तौर पर जनगणना का प्रोसेस शुरू हो गया है. जनगणना का काम दो फेज में पूरा होगा. पहला फेज लद्दाख और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फीले क्षेत्रों के लिए 1 अक्टूबर, 2026 को शुरू होगा. देश के बाकी हिस्सों के लिए दूसरा फेज 1 मार्च, 2027 को शुरू होगा.
जरूरी है देश में जनगणना
भारत में जनगणना आखिरी बार साल 2011 में हुई थी. उसके बाद साल 2021 में जनगणना होना था. लेकिन कोरोना वायरस के कारण यह नहीं हो पाया. अब सरकार ने फैसला लिया है कि इसे करवाया जाएगा. जनगणना के आधार पर चुनावी निर्वाचन क्षेत्र बनाए जाते हैं. एससी और एसटी कैटेगरी के लिए सीटें रिजर्व की जाती हैं.
शिक्षा से लेकर ग्रामीण विकास तक के मंत्रालय स्कूलों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का पता लगाने के लिए जनगणना के आंकड़ों का इस्तेमाल करते हैं. संविधान का अनुच्छेद 82 सबसे हालिया जनगणना के आधार पर निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन अनिवार्य करता है.
अनुच्छेद 330 और 332 एससी और एसटी के लिए उनकी जनसंख्या के अनुपात के आधार पर विधानसभाओं में सीटें रिजर्व करते हैं.
जनगणना में कहां से आते हैं वर्क्स
सरकार दो फेज में जनगणना करवाएगी. दोनों फेज के बीच में कई महीनों का अंतर है. जनगणना को पूरा करने के लिए करीब 30 लाख जनगणना करने वालों की जरूरत होगी. इसमें ज्यादातर स्कूल के टीचर्स को तैनात किए जाने का अनुमान है. इसके अलावा डिस्ट्रिक्ट और सब डिस्ट्रिक्ट लेवल पर लगभग 1,20,000 वर्कर हैं.
हाउस लिस्टिंग फेज
हाउस लिस्टिंग फेज में देश में हर संरचना का दौरा किया जाता है ताकि इमारतों और घरों की विशेषताओं को दर्ज किया जा सके. गणना करने वाला घर के मुखिया, सदस्यों की संख्या, इसकी बनावट में इस्तेमाल की गई सामग्री, रूम की संख्या, पानी और बिजली के सोर्स, खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ईधन और टीवी, फोन, वाहन आदि जैसी संपत्तियों की उपलब्धता के बारे में डेटा इकट्ठा होता है.
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जनसंख्या की गणना
गणना के बाद वाले फेज में ज्यादा फोकस व्यक्तिगत डेटा इकट्ठा करने पर रहता है. इसमें नाम, उम्र, जेंडर, डेट ऑफ बर्थ, घर के मुखिया, वैवाहिक स्थिति, एजुकेशन, धर्म, जाति, विकलांगता की स्थिति के बारे में डेटा इकट्ठा किया जाता है. 2027 की जनगणना भारत के इतिहास की पहली डिजिटल जनगणना होगी.