भारत का दुश्मन, हाफिज सईद का खास…मारा गया रियासी हमले का मास्टरमाइंड Abu Qatal

Abu Qatal: अबु कताल की मौत से भारत के दुश्मनों की लिस्ट छोटी हो गई है. हाफिज सईद वहीं है जिसने 26/11 मुंबई आतंकी हमले का प्लान रचा था. कताल लश्कर-ए-तैयबा का अहम सदस्य था. जम्मू-कश्मीर में कई हमलों की साजिश रचने के लिए जाना जाता था.
Abu Qatal

अबु कताल

Abu Qatal: अभी की सबसे बड़ी खबर पकिस्तान से आ रही है कि लश्कर-ए-तैयबा का मोस्ट वांटेड आतंकी अबु कताल मारा गया है. शनिवार, 15 मार्च की रात करीब 8 बजे पाकिस्तान में मारा गया है. पंजाब जिले में कुछ अनजान हमलावरों ने उससे गोलियों से भून दिया. जिसमें उसकी मौत हो गई है. अबु कताल हाफिज सईद का राइट हैंड मन जाता था.

अबु कताल की मौत से भारत के दुश्मनों की लिस्ट छोटी हो गई है. हाफिज सईद वहीं है जिसने 26/11 मुंबई आतंकी हमले का प्लान रचा था. कताल लश्कर-ए-तैयबा का अहम सदस्य था. जम्मू-कश्मीर में कई हमलों की साजिश रचने के लिए जाना जाता था.

तीर्थयात्रियों की बस पर हमले का मास्टरमाइंड कताल

बता दें कि पिछले साल 9 जून को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में शिवखोड़ी मंदिर से लौट रहे तीर्थयात्रियों की बस पर हमले में भी अबू कताल का हाथ था. इस हादसे में 10 लोगों की जान गई थी. जबकि 33 लोग घायल हो गए थे. इसके अलावा भी PoK में बैठ कर कताल ने भारत में कई बड़े हमलों को अंजाम दिया करता था. NIA ने उसे वांटेड घोषित कर रखा था. जो हाफिज सईद का करीबी था.

साल 2023 में हुए राजौरी हमले का जिम्मेदार भी अबु कताल ही था. वो सिंघी जम्मू-कश्मीर में कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड भी था. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के कोटली जिले में स्थित खुरेटा लॉन्च पैड का कमांडर था. कताल 2000 के दशक की शुरुआत में जम्मू-कश्मीर में सक्रिय था, जिसके बाद वह पाकिस्तान लौट गया था.

हाफिज सईद ने जम्मू कश्मीर पर बड़े हमले करने की जिम्मेदारी अबु कताल को दी थी. हाफिज ने कताल को लश्कर का चीफ ऑपरेशनल कमांडर बनाया था. कताल को हाफिज की ओर से ऑर्डर मिलते थे, जिसके बाद वह कश्मीर में बड़े हमलों को अंजाम देता था.

NIA की चार्जशीट में था नाम

साल 2023 के राजौरी हमले में संलिप्तता के लिए NIA ने अबु कताल का नाम चार्जशीट में रखा था. एक जनवरी 2023 को नागरिकों को निशाना बनाकर राजौरी के ढांगरी गांव में आतंकी हमला हुआ था, जिसके बाद अगले दिन एक IED विस्फोट भी हुआ था. जिसमें सात लोगों की मौत हुई थी जबकि कई गंभीर रूप से घायल हुए थे.

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जांच के दौरान यह पाया गया कि कताल के निर्देश पर ही आतंकवादियों को लॉजिस्टिक मदद मिली थी. रियासी हमले के बाद ढांगरी में लगभग तीन महीने तक आतंकियों को भोजन, आश्रय और अन्य प्रकार की लॉजिस्टिक मदद दी गई थी.

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