NEET Controversy: देशभर में कथित NEET पेपरलीक मामला इन दिनों तूल पकड़ता ही जा रहा है. विपक्षी दलों की ओर से भी इस मुद्दे जोर शोर से उठाया जा रहा है. NEET पेपरलीक मामले में जहां एक ओर आम आदमी पार्टी सांसद संदीप पाठक ने इसे देशद्रोह बताया. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया(NSUI) ने भी बड़ा ऐलान कर दिया है. NSUI की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर NSUI चीफ वरुण चौधरी ने संसद को घेराव करने का अल्टीमेटम दे दिया है.
NSUI कार्यकर्ताओं पर FIR दर्ज करा दी गई- वरुण चौधरी
NSUI अध्यक्ष वरुण चौधरी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कहा कि हम 24 जून को छात्र संसद घेराव करने जा रहे हैं. उनकी ओर से तीन मुख्य मांगे रखी गई. इसमें पहली है NTA को बैन किया जाए. NEET परीक्षा फिर से कराई जाए और धांधली में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई हो. NSUI अध्यक्ष वरुण चौधरी ने यह आरोप लगाए कि जिस तरह से केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी(NTA) का बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं, उससे संदेह पैदा होता है कि वह भी पूरे मामले में शामिल हो सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि धर्मेंद्र प्रधान NTA का बचाव करने के साथ-साथ समय का इंतजार भी कर रहे हैं. उन्होंने खुलासा किया कि जब NSUI कार्यकर्ताओं ने दिल्ली में प्रदर्शन किया और उनसे मिलना चाहा, तो उनमें से कुछ पर FIR दर्ज करा दी गई.
धर्मेंद्र प्रधान लगातार NTA को बचा रहे हैं- NSUI अध्यक्ष
NSUI अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा कि असल में जो FIR, NTA पर होनी चाहिए थी, वह हमारे साथियों पर कर दी गई है. सरकार चाहती है कि हम छात्रों का साथ न दे. हम मांग करते हैं कि NTA को बैन कर देना चाहिए. साल 2017 में जब BJP सरकार NTA लेकर आई थी तो कहा था इससे परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. धर्मेंद्र प्रधान 24 लाख बच्चों का भविष्य दांव पर लगाकर NTA को बचाने में लगे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेपर लीक और धांधली की बात से साफ इनकार कर दिया. जबकि बिहार में कुछ बच्चों ने यह कबूल किया है कि उन्हें परीक्षा से पहले ही पेपर मिल गए थे. यानी यह स्कैम ग्रेस मार्क्स तक सीमित नहीं है, लेकिन फिर भी धर्मेंद्र प्रधान लगातार NTA को बचा रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि खुद पर लगे आरोपों की जांच खुद NTA ही कर रही है.