NEET Paper Leak Case: नीट पेपर लीक का मामला तूल पकड़ता ही जा रहा है. इस बीच बिहार में नीट पेपर लीक मामले में बहुत बड़ा खुलासा किया गया है. उन्होंने दावा किया है कि राष्ट्रीय जनता दल नेता और पूर्व तेजस्वी यादव के पीएस प्रीतम इस मामले में जुड़ा है. साथ ही उसी ने नीट पेपर लीक के मास्टरमाइंड सिकंदर के लिए कमरा बुक करवाया था. गुरुवार को विजय सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि नीट और मंत्री एनएच के मामले पर मैंने विभागीय जांच कराई है.
प्रीतम-तेजस्वी से CBI पूछताछ करे- सिन्हा
विजय सिन्हा ने कहा कि, 1 मई को तेजस्वी यादव के पीएस प्रीतम कुमार ने आरसीडी कर्मचारी प्रदीप को मास्टरमाइंड सिकंदर कुमार के लिए राज्य सरकार के पथ निर्माण विभाग (NH) के निरीक्षण गेस्ट हाउस में कमरा बुक करने के लिए बुलाया था. नियम का हवाला देते हुए विजय सिन्हा ने कहा कि कोई अधिकतम तीन कमरे 3 दिन के लिए बुक कर सकता है. इससे ज्यादा कमरे बुक करने के लिए अनुमति NH के अधिकारियों को ही है. साथ ही उन्होंने कहा कि प्रीतम कुमार और तेजस्वी यादव से CBI पूछताछ करे तो, पता चलेगा कि इस मामले में किसका हाथ है. उन्होंने दावा किया बिहार में अमूमन पूर्व मंत्री को भी मंत्री जी बुलाया जाता है.
प्रीतम ने कराई NH के गेस्ट हाउस में बुकिंग
विजय सिन्हा ने दावा किया कि मंत्री जी कहकर प्रीतम ने बुकिंग कराई. साथ ही कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद कोई नहीं बचेगा. बता दें कि बीते दिन पेपर लीक मामले में कुछ आरोपियों से पूछताछ की गई. साथ ही इस बात का भी खुलासा हुआ कि आरोपी जहां ठहरे थे, वहां के एंट्री रजिस्टर में एक आरोपी ने अपने नाम के आगे मंत्री जी लिखवाया था. इसी मामले में अनुराग यादव नाम के अभ्यर्थी को भी गिरफ्तार किया जा चुका है. साथ ही इस बात की भी पुष्टि हुई है कि वह खुद भी पटना के NH के गेस्ट हाउस में ठहरा था. इसी मामले में सबसे पहली गिरफ्तारी सिकंदर नाम के शख्स की हुई थी.
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नीट की परीक्षा से पहले ही मिल गया था प्रश्नपत्र
नगर विकास विभाग में जूनियर इंजीनियर के पद पर नियुक्त सिकंदर प्रसाद यादवेंदु को अखिलेश और बिट्टू के साथ पुलिस ने नियमित जांच के दौरान गिरफ्तार किया था. इसके बाद की जांच में पुलिस को पता चला है कि सिकंदर ने पेपर लीक की पूरी साजिश रची थी. साथ ही पुलिस को इनपुट मिला था कि आरोपियों ने कई सेंटरों और सेफ हाउस में पेपर सॉल्वर बिठाए और इन सभी के पास पहले से ही प्रश्नपत्र मौजूद थे. गौरतलब है कि, पटना जेल भेजे गए अभ्यर्थी स्वीकार कर चुके हैं कि उन्हें नीट की परीक्षा से चार घंटे पहले ही प्रश्नपत्र मिल गया था. बाद में प्रश्नपत्र का प्रिंट आउट लिया गया और पांच मई को सुबह 10 बजे से इन्हें रटाना शुरू किया गया.