NEET Paper Leak: बिहार के हजारीबाग में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के ट्रंक से नीट-यूजी पेपर चुराने वाले एक व्यक्ति और उसके सहयोगी को आज सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. बताया गया है कि पेपर चुराने वाले पंकज कुमार को पटना से गिरफ्तार किया गया है, जबकि राजू सिंह को जमशेदपुर से पकड़ा गया है. सूत्रों ने बताया कि पंकज कुमार उर्फ आदित्य ने 2017 में एनआईटी जमशेदपुर से सिविल इंजीनियरिंग की है.
हजारीबाग से हुई लीक की शुरुआत
सीबीआई ने पहले नीट-यूजी पेपर लीक के मूल स्थान के रूप में हजारीबाग पर ध्यान केंद्रित किया था. सीबीआई जांच में कहा गया कि पेपर हजारी बाग में ओएसिस स्कूल द्वारा लीक किया गया था. साथ ही वहां पहुंचे दो सेट पेपर की सील टूटी हुई थी और इस मुद्दे को उठाने के बजाय स्कूल के कर्मचारी चुप रहे. एक वरिष्ठ अधिकारी ने खुलासा किया,”एसबीआई हजारीबाग से प्रश्नपत्रों के नौ सेट अलग-अलग केंद्रों पर भेजे गए थे. ओएसिस स्कूल केंद्र पर जो प्रश्नपत्र पहुंचे, उनकी सील टूटी हुई थी. वहां के कर्मचारियों ने कोई अलार्म नहीं बजाया और इस तरह उनकी भूमिका स्थापित हो गई.”उन्होंने बताया,”तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर उन्होंने पटना के लर्न एंड प्ले स्कूल में तलाशी ली, जहां कुछ जले हुए पेपर बरामद हुए.”
जब EoU ने मामले को अपने हाथों में लिया
उन्होंने आगे बताया कि बाद में मामले को बिहार आर्थिक अपराध इकाई (EoU) ने अपने हाथ में ले लिया. उन्होंने बताया कि 21 जून को एनटीए ने खुलासा किया कि कोड ओएसिस स्कूल में मिले पेपर से मेल खाता है. दिलचस्प बात यह है कि स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. एहसानुल हक हजारीबाग में नीट-यूजी परीक्षा के जिला समन्वयक भी थे और उप-प्राचार्य इम्तियाज आलम केंद्र समन्वयक थे. मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही सीबीआई ने कई प्राथमिकी दर्ज की हैं और अब तक करीब 60 गिरफ्तारियां की हैं.
5 मई को आयोजित की गई थी परीक्षा
एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और सरकारी तथा निजी संस्थानों में अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित नीट-यूजी परीक्षा इस वर्ष 5 मई को आयोजित की गई थी. धोखाधड़ी और नकल के आरोपों के साथ यह परीक्षा विवादों में घिरी रही है. बिहार से सीबीआई की एफआईआर पेपर लीक से संबंधित है, जबकि गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में दर्ज एफआईआर उम्मीदवारों की नकल से जुड़ी हैं. इस वर्ष, यह परीक्षा 5 मई को 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी. इस परीक्षा में 23 लाख से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे. इस वर्ष की परीक्षा में 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जो एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व है. सभी छात्र हरियाणा के एक ही केंद्र से थे.
इसके बाद से परीक्षा में अनियमितताओं का संदेह पैदा हुआ. आरोप लगाया गया कि ग्रेस मार्क्स के कारण 67 छात्रों ने शीर्ष रैंक प्राप्त की. एनटीए ने 1,563 उम्मीदवारों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करने के बाद 1 जुलाई को संशोधित परिणाम घोषित किए, जिसके बाद शीर्ष रैंक साझा करने वाले उम्मीदवारों की संख्या 67 से घटकर 61 हो गई. 24 जून को दोबारा परीक्षा देने वाले 48 प्रतिशत छात्र परीक्षा देने नहीं आए.