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ज्ञानवापी पर फ़ैसला देने वाले जज को जान का ख़तरा! NIA की अदालत ने हाईकोर्ट को लिखी चिट्ठी, कहा- हत्या करना चाहते हैं कट्टरपंथी

Gyanvapi

जज रवि कुमार दिवाकर

Gyanvapi: एनआईए कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पत्र लिखकर बरेली के अतिरिक्त जिला जस्टिस रवि कुमार दिवाकर के लिए सुरक्षा मांगी है. जस्टिस दिवाकर को 2022 में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का वीडियोग्राफिक सर्वेक्षण करने का आदेश देने के लिए जाना जाता है. एनआईए कोर्ट के विशेष जस्टिस विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने अपने पत्र में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दिवाकर को कथित रूप से धमकाने के आरोप में अदनान खान के खिलाफ विभिन्न आईपीसी और यूएपीए धाराओं के तहत यूपी एटीएस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर का हवाला दिया. एफआईआर में खान पर न्यायाधीश दिवाकर के खिलाफ धमकी देने और उनके खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने के लिए इंस्टाग्राम अकाउंट चलाने का आरोप लगाया गया है.

NIA के लेटर में क्या-क्या लिखा है?

पत्र में लिखा है,” अब तक की जांच से यह तथ्य सामने आ रहा है कि इस्लामिक कट्टरपंथी ताकतों द्वारा अतिरिक्त जिला न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर को काफिर घोषित करके उनकी हत्या करने की साजिश रची जा रही है, जो एक बहुत ही संवेदनशील मामला है.” एफआईआर में खान के खिलाफ लगाए गए आरोपों के अनुसार, जज दिवाकर की एक तस्वीर पोस्ट की, जिस पर लिखा था कि काफिरों का खून तुम्हारे लिए हलाल है, जो अपने दीन के खिलाफ लड़ते हैं और फोटो में उनके चेहरे पर आंखों के ऊपर लाल रंग से काफिर शब्द लिखा हुआ है.

यूपी एटीएस के FIR में क्या है?

यूपी एटीएस द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कहा गया है कि कथित इंस्टाग्राम पोस्ट को काफी लोगों ने देखा है और इस पोस्ट के जरिए ज्ञानवापी मामले की सुनवाई कर रहे जज की हत्या के लिए उनकी विचारधारा से जुड़े लोगों को प्रेरित किया गया है. उक्त पोस्ट से दूसरे धर्मों के लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच रही है और वर्गों के बीच दुश्मनी और नफरत फैलाने के लिए राष्ट्र विरोधी गतिविधियां की जा रही हैं.

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जज दिवाकर ने भी सरकार को लिखा था पत्र

एफआईआर में आगे कहा गया है, “अगर अदनान के उपरोक्त कृत्यों पर अंकुश नहीं लगाया गया तो कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है.” यूपी के बरेली जिले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के पद पर तैनात जज दिवाकर ने भी सरकार के सचिव को पत्र लिखकर अपनी मौजूदा सुरक्षा को ‘अपर्याप्त’ बताते हुए चिंता जताई है. अपने पत्र में जज दिवाकर ने आगे कहा कि “इस्लामिक कट्टरपंथी ताकतें एक खास धर्म के लोगों का ब्रेनवॉश कर उन्हें मेरे खिलाफ भड़का रही हैं और मुझे काफिर घोषित कर मेरी हत्या की साजिश रची जा रही है. इसलिए उचित सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने और आवश्यक कार्रवाई के लिए यह पत्र भेजा जा रहा है.”

गौरतलब है कि मई 2022 में वाराणसी कोर्ट में सिविल जज (सीनियर डि.) के पद पर तैनात जज दिवाकर ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वेक्षण जारी रखने का आदेश देते हुए दावा किया था कि उनका परिवार हमेशा उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता है. अप्रैल 2022 में जज दिवाकर ने पांच हिंदू महिलाओं द्वारा दायर याचिकाओं पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के निरीक्षण का आदेश दिया था, जिसमें वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की पश्चिमी दीवार के पीछे एक हिंदू मंदिर में साल भर प्रार्थना करने की अनुमति मांगी गई थी.

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