बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) और अन्य के खिलाफ चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. यह मामला जनाधिकार संघर्ष परिषद (JSP) के सह-अध्यक्ष आदर्श अय्यर की याचिका पर आधारित है, जिसमें उन्होंने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कथित रूप से दबाव डालकर धन वसूलने का आरोप लगाया था.
अदालत ने तिलक नगर पुलिस को इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है और आगे की जांच के लिए इसे 10 अक्टूबर तक स्थगित कर दिया गया है. याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत में दलील दी कि चुनावी बॉन्ड के जरिए गलत तरीके से धन एकत्र किया गया.
चुनावी बॉन्ड योजना पर विवाद
चुनावी बॉन्ड योजना की शुरुआत 2018 में केंद्र सरकार ने की थी, जिसका उद्देश्य राजनीतिक दलों को मिलने वाले नकद चंदे में पारदर्शिता लाना था. हालांकि, इस योजना में दाताओं की पहचान गुप्त रखने का प्रावधान था, जिससे विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई थी. इस योजना पर पहले भी कई सवाल उठे हैं, और इसे लेकर बीजेपी की आलोचना भी हो चुकी है.
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10 अक्टूबर को अगली सुनवाई
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद अदालत ने इसे लोकसभा चुनाव से पहले रद्द कर दिया था. अब नए आरोपों के साथ इस मुद्दे ने फिर से तूल पकड़ा है, और वित्त मंत्री समेत कई अन्य प्रमुख नेताओं पर आरोप लगाए गए हैं. मामले की सुनवाई अब 10 अक्टूबर को होगी, जिसमें अदालत द्वारा एफआईआर के बाद की प्रक्रिया और आगे की कार्रवाई पर विचार किया जाएगा.