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नितिन गडकरी ने भ्रष्टाचार पर किया प्रहार, बोले- सिस्टम में बैठे हैं ‘न्यूटन के बाप’

Nitin Gadkari

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी

Nitin Gadkari On Corruption: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर खुलकर बात की है. रविवार को पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग पुणे टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (COEPTU) के ‘इंजीनियर्स डे’ कार्यक्रम में उन्होंने बेबाकी से अपनी बात रखी. गडकरी ने बताया कि विभागों में फाइलें तब ही आगे बढ़ती हैं जब उन पर पैसों का वजन हो. गडकरी ने सरकारी सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार और धीमी प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, “हमारे सिस्टम में कुछ अफसर ‘न्यूटन के बाप’ हैं, जो केवल तब तेजी से काम करते हैं जब उन्हें इसके लिए पैसा मिलता है.”

“गड्ढा भरने जैसे छोटे काम के लिए भी आदेश का इंतजार”

गडकरी ने इंजीनियरों और नौकरशाहों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकारी तंत्र में कई ऐसे अधिकारी हैं, जिन्हें हर काम के लिए आदेश का इंतजार होता है. उन्होंने हाइवे प्रोजेक्ट्स और सड़क हादसों के बढ़ते मामलों का उदाहरण देते हुए बताया कि इन दुर्घटनाओं के पीछे डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) का बड़ा हाथ है. उन्होंने कहा, “सिस्टम में कई ऐसे लोग हैं जो सड़कों पर गड्ढा भरने जैसे छोटे काम के लिए भी आदेश का इंतजार करते हैं. अगर काम करने की भावना को सही से नहीं समझा जाएगा, तो नियमों का पालन करने का क्या मतलब है?”

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मुंबई-बेंगलुरु 14 लेन हाइवे का ऐलान

कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने एक और बड़ी घोषणा की. उन्होंने बताया कि जल्द ही मुंबई और बेंगलुरु के बीच 14 लेन का हाइवे तैयार किया जाएगा, जो अटल सेतु पुल से शुरू होकर पुणे की रिंग रोड से जुड़ेगा. इस हाइवे के बनने से मुंबई से बेंगलुरु जाने वाले यात्रियों को पुणे में प्रवेश करने की जरूरत नहीं होगी, जिससे शहर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा. गडकरी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट का टेंडर जारी किया जा चुका है और अगले छह महीनों के भीतर इसका काम शुरू होने की योजना है. उन्होंने युवा इंजीनियरों से अपील की कि वे शोध के क्षेत्र में आगे बढ़ें और अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल समाज की जरूरतों को पूरा करने में करें.

मैं तीखा बोलता हूं, पर सच कहता हूं- गडकरी

गडकरी ने अपने तीखे अंदाज के बारे में कहा, “कुछ लोग कह सकते हैं कि मैं कड़वा बोलता हूं, लेकिन मुझे उम्मीद है कि मेरी बातों से युवा पीढ़ी सबक लेगी.” उनका कहना था कि सिस्टम में तेजी लाने के लिए पारदर्शिता और समय पर निर्णय लेना बेहद जरूरी है, वरना विकास के रास्ते में रुकावटें आती रहेंगी.

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