Sharad Pawar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने Z+ सुरक्षा खारिज कर दी है. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं सरकार द्वारा दी गई कार का इस्तेमाल नहीं करूंगा. मैं अपनी कार में कोई सुरक्षाकर्मी नहीं रखूंगा.” कुछ दिन पहले केंद्र ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार को Z+ स्तर की सुरक्षा प्रदान की थी. केंद्र सरकार ने यह फैसला महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर लिया है.
समीक्षा के बाद की गई थी सिफारिश
केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों की समीक्षा के बाद शरद पवार को Z+ सुरक्षा देने की सिफारिश की गई थी. तदनुसार, गृह मंत्रालय ने उन्हें केंद्र को जेड प्लस स्तर की सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया गया था. येलो बुक ऑफ़ सिक्योरिटी के अनुसार शरद पवार को सुरक्षा प्रदान की गई थी. इस सुरक्षा के तहत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 55 सशस्त्र जवानों की एक टीम को शरद पवार की सुरक्षा में तैनात किया जाना था.
आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शरद पवार ने अलग-अलग जिलों का दौरा शुरू कर दिया है. कुछ महीने पहले, जब सड़क पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने उनके काफिले को काले झंडे दिखाए थे, तब पवार ने भूख हड़ताल स्थल पर मनोज जारांगे पाटिल से मुलाकात की थी. साथ ही आरक्षण के मुद्दे पर राज्य में राजनीति गरमाने की भी संभावना है. ऐसे में पवार की सुरक्षा की समीक्षा की गई.
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क्या है Z+ सिक्योरिटी?
वीआईपी सुरक्षा वर्गीकरण Z+ से शुरू होता है, उसके बाद Z, Y+, Y और X होता है. जेड प्लस सुरक्षा आमतौर पर राजनेताओं, व्यापारियों, अभिनेताओं या अन्य लोगों को दी जाती है जिनकी जान को खतरा हो सकता है. Z+ सुरक्षा में कई सशस्त्र सुरक्षाकर्मी होते हैं जो 24 घंटे सुरक्षा प्रदान करते हैं. सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति को परिवहन के लिए बुलेटप्रूफ कार भी प्रदान की जाती है. कुछ मामलों में एनएसजी कमांडो भी सुरक्षा प्रदान करते हैं. भारत में जेड प्लस सुरक्षा केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाती है. एक विशेषज्ञ समिति खतरे का आकलन करती है और सुरक्षा का स्तर निर्धारित करती है.