Vistaar NEWS

VIP सुरक्षा को लेकर गृह मंत्रालय का बड़ा फैसला, सीएम योगी समेत 9 नेताओं की सिक्योरिटी से हटेंगे NSG कमांडो

Govt orders withdrawal of NSG commandos from VIP security

सरकार ने वीआईपी सुरक्षा से एनएसजी कमांडो को हटाने का आदेश दिया

Home Ministry: यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व सीएम मायावती की सुरक्षा में केंद्र सरकार ने बड़ा बदलाव किया है. केंद्र सरकार ने वीआईपी सुरक्षा से आतंकवाद निरोधी कमांडो बल एनएसजी को पूरी तरह हटाने का फैसला लिया है. उनकी जगह अब सीआरपीएफ के जवान कमान संभालेंगे. गृह मंत्रालय से जारी आदेश के मुताबिक, विशेष रूप से प्रशिक्षित जवानों की एक नई बटालियन को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वीआईपी सुरक्षा प्रकोष्ठ के साथ जोड़ने की स्वीकृति भी दे दी गई है. इस बटालियन को हाल में संसद सुरक्षा से हटाया गया था.

सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी )के ब्लैक कैट कमांडो द्वारा संरक्षित ‘जेड प्लस’ श्रेणी के नौ वीआईपी लोगों में सीएम योगी आदित्यनाथ और पूर्व सीएम मायवाती भी शामिल हैं. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण अडवाणी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी ) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की सुरक्षा में भी बदलाव किया गया है. इस सभी लोगों को सीआरपीएफ का सुरक्षा घेरा प्रदान किया जाएगा. जानकारी के अनुसार गृह मंत्रालय के अधीन दो बलों के बीच जिम्मेदारियों का हस्तांतरण एक महीने के भीतर पूरा होने की संभावना है.

ये भी पढ़ें- MSP Hike: किसानों के लिए मोदी सरकार का बड़ा तोहफा, गेहूं-चना समेत कई फसलों पर MSP बढ़ाने का ऐलान

राजनाथ-योगी के पास ASL प्रोटोकॉल

NSG सिक्योरिटी वाले 9 नेताओं में से राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ के पास एडवांस्ड सिक्योरिटी लाइसन (ASL) प्रोटोकॉल है. जिसे अगले महीने से CRPF टेकओवर कर लेगा. CRPF अभी तक ASL का काम गृहमंत्री अमित शाह, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, RSS चीफ मोहन भागवत और गांधी परिवार के तीनों सदस्यों के लिए करती थी. ASL का मतलब किसी VIP के किसी जगह पहुंचने से पहले उस जगह की छानबीन, सिक्योरिटी जांच, लोकेशन आदि की सुरक्षा जांच होती है.

21 अगस्त को शरद पवार को दी गई Z+ सिक्योरिटी

केंद्र सरकार ने 21 अगस्त को महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण विरोधी प्रदर्शनों को देखते हुए नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (SCP) प्रमुख शरद पवार को Z+ सिक्योरिटी दी। उनकी सुरक्षा में तब 10 अतिरिक्त CRPF जवान तैनात किए गए थे. 22 अगस्त को शरद ने केंद्र पर जासूसी करने का आरोप लगाया था.  उनका कहना था कि हो सकता है कि मेरी इन्फॉर्मेशन निकालने के लिए मेरी सिक्योरिटी बढ़ाई गई हो. महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं. शायद उन्हें कोई जरूरी जानकारी चाहिए. इसीलिए यह अरेंजमेंट किया गया होगा.

Exit mobile version