NEET Exam 2024: पढ़ाई और करियर बनाने के समय में छात्र सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. परीक्षा में अनियमितताओं के शिकार छात्र करे भी तो क्या इसके अलावा उनके पास कोई विकल्प ही नहीं. देशभर में होने वाले ऐसे कई एग्जाम है जिनमें बड़े स्तर पर अनियमितता की शिकायत आ रही है. हाल ही में हुए नीट यूजी परीक्षा भी उनमें से एक है. इस परीक्षा में शामिल करीब 24 लाख स्टूडेंट्स का भविष्य दांव पर है. इसमें बड़ी संख्या वो छात्र हैं जो आने भविष्य में देश के बड़े अस्पतालों में मरीजों का इलाज करेंगे.
वर्तमान समय में सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर नीट पेपर लीक या गड़बड़ी की वजह से अयोग्य स्टूडेंट्स डॉक्टर बन जाते हैं तो उसका क्या-क्या और कितने बड़े पैमाने पर नुकसान होगा? पहली बार ऐसा देखा गया कि नीट यूजी परीक्षा में 67 टॉपर्स घोषित करके नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने अपनी साख पर सवाल खड़े कर लिए हैं. हालांकि ये कोई पहला केस नहीं है.
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2017 में स्थापित हुआ एनटीए
साल 2017 में मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हाईयर एजुकेशन में एंट्रेस एग्जाम के लिए एक एकल, स्वतंत्र, स्वायत्त निकाय स्थापित करने की घोषणा की. 1 मार्च 2018 को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) स्थापित हुआ. इस एजेंसी का उद्देश्य विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों में स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय स्तर की पात्रता परीक्षाएं जैसे की (NEET, JEE Main, JEE Advanced आदि) को आयोजित करना है. साथ ही परीक्षा प्रक्रिया को पारदर्शी, कुशल और निष्पक्ष बनाना भी है.
कई परीक्षाओं को आयोजित कर चुका है NTA
तब से लेकर अब तक NTA ने JEE Main, JEE Advanced, NEET, NET, JNUEE, CMAT आदि सहित कई प्रवेश परीक्षाओं को सफलतापूर्वक आयोजित कर चुका है. एजेंसी ने ऑनलाइन आवेदन, परीक्षा आयोजन और परिणाम घोषणा प्रक्रिया में सुधार के लिए कई पहल की हैं. NTA ने विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता वाले विशेषज्ञों की एक टीम बनाई है. लेकिन इस बात को भी झुठलाया नहीं जा सकता कि परीक्षाओं में अनियमितताओं को लेकर एनटीए पर कई बार सवाल उठ चुके हैं.
पिछले कुछ वर्षों में, एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी) द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में अनियमितताओं और गड़बड़ियों की कई रिपोर्टें सामने आई हैं. इनमें से कुछ प्रमुख घटनाएं इस तरह हैं-
JEE Mains 2019
साल 2019 में जॉइंट एंट्रेंस एंट्रेंस एग्जाम (JEE Mains) परीक्षा के दौरान सर्वर में खराबी के कारण कई छात्रों को परीक्षा देने में दिक्कत का सामना करना पड़ा था. जबकि कुछ परीक्षा केंद्रों पर निर्धारित समय पर प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिकाओं का वितरण नहीं हुआ.
NEET UG 2020
साल 2020 में कोरोना महामारी को देखते हुए (NEET UG) कई बार कैंसिल हुआ था. परीक्षा में शामिल हो रहे कुछ छात्रों का आरोप था की उन्हें सेंटर पर पहुंचने में काफी समस्या हुई थी. इसके अलावा 2020 की एक घटना भी शामिल है, जिसमें असम के एक जेईई अभ्यर्थी ने कथित तौर पर अपनी परीक्षा लिखने के लिए एक अन्य अभ्यर्थी को भेजा था, अगले महीने पुलिस ने उस अभ्यर्थी को गिरफ्तार कर लिया, जिसने राज्य में सबसे अधिक अंक हासिल किए थे, और उसके पिता और टेस्टिंग फेकल्टी के कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया था.
NEET 2020
इसी साल मध्य प्रदेश में एक NEET छात्रा ने परीक्षा में 6 अंक प्राप्त करने के बाद आत्महत्या कर ली थी. उसके माता-पिता ने बाद में उसकी ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन शीट या OMR शीट की जांच कराई. जब छात्रा के माता-पिता ने उसकी OMR शीट की तुलना उत्तर कुंजी से की, तो उन्होंने पाया कि छात्र को वास्तव में 590 अंक दिए जाने चाहिए थे.
NEET 2021
फिर से जेईई मेन्स एग्जाम में में परीक्षा के दौरान कुछ छात्रों को गलत प्रश्न पत्र वितरित किया गया. कई केंद्रों पर परीक्षा में अनुचित साधनों के उपयोग की शिकायतें भी मिलीं. इसके साथ ही नीट यूजी 2021 में भी पूछे गए फिजिक्स के एक प्रश्न को लेकर भी विवाद हुआ था. जिसे लेकर छात्रों के प्रतिनिधियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस प्रश्न में हिंदी और अंग्रेजी अनुवाद में अंतर था.
NEET 2021
इस साल भी नीट पेपर लीक का मामला सामने आया था. राजस्थान के भांकरोटा के परीक्षा केंद्र से सॉल्वर गैंग ने सेंटर के स्टाफ से सांठगांठ करके परीक्षा के दौरान ही मोबाइल के कैमरे से पेपर का फोटो खींचकर सीकर भेजा. फिर सीकर पेपर सॉल्व कराकर आंसर-की वापस भेजे और छात्रा को नकल कराने की कोशिश की. तब पुलिस घेराबंदी करके पुलिस की टीनों ने एक साथ 4 जगह छापा मारा और एक छात्रा समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया था. इसी तरह अजमेर पुलिस ने भी 6 नीट एस्पिरेंट्स को गिरफ्तार किया था. जहां पेपर सॉल्व कराने के लिए 25-25 लाख रुपये के लेन-देन की बात सामने आई थी.
CUET 2022
विभिन्न केंद्रीय, राज्य, निजी और डीम्ड विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आयोजित कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट में भी गड़बड़ियां देखने को मिली हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि कानपुर के एक केंद्र पर हिंदी माध्यम के छात्रों को अंग्रेजी के प्रश्नपत्र बांट दिए गए थे. राजस्थान के सवाई माधोपुर के एक केंद्र पर भी यही समस्या आई. दोनों ही मामलों में एजेंसी को प्रभावित छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा आयोजित करनी पड़ी. 17 जुलाई 2022 को आयोजित हुई नीट की परीक्षा में भी कई सेंटर पर गड़बड़ी हुई थी. इस दौरान दूसरे माध्यम के प्रश्न पत्र स्टूडेंट्स को दे दिए गए थे. इस गड़बड़ी के चलते स्टूडेंट्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.