Odisha News: देश में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ कई 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव भी संपन्न हुए हैं. ओडिशा में भी BJP ने बड़ी जीत हासिल की है. नतीजों में BJP को बहुमत मिलने के बाद नवीन पटनायक(Naveen Patnaik) ने बुधवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. ओडिशा लोकसभा और विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सबसे करीबी माने जाने वाले वीके पांडियन(VK Pandian) ने राजीनित से संन्यास ले लिया है. उन्होंने ऐलान किया है कि वह सक्रिय राजनीति छोड़ देंगे.
नवीन पटनायक के लिए काम करना सम्मान की बात- वीके
पिछले साल नवंबर में सिविल सेवा छोड़कर बीजु जनता दल(BJD) में शामिल हुए वीके पांडियन ने एक वीडियो जारी कर सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि वह एक साधारण परिवार और एक छोटे से गांव से आते हैं. उनका बचपन का सपना IAS बनकर लोगों की सेवा करना था. वीडियो में उन्होंने कहा कि जिस दिन से मैंने ओडिशा की धरती पर कदम रखा, मुझे लोगों से अपार प्यार और स्नेह मिला है. मैंने पूरे राज्य के लोगों के लिए बहुत मेहनत करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि नवीन पटनायक के लिए काम करना सम्मान की बात है, जो BJD के सत्ता में वापस आने पर देश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्यमंत्री बनने की उपलब्धि हासिल कर लेते.
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‘नवीन पटनायक की मदद करने के लिए राजनीति में आया’
वीके पांडियन ने कहा कि मैं अपने गुरु नवीन पटनायक की मदद करने के लिए राजनीति में आया था और मुझे किसी राजनीतिक पद या शक्ति की कोई इच्छा नहीं थी. इसलिए मैं न तो उम्मीदवार था और न ही BJD में कोई पद संभाल रहा था. वीके पांडियन ने राजनीति में शामिल होने का मेरा इरादा केवल नवीन बाबू की सहायता करना था और मैंने जानबूझकर खुद को सक्रिय राजनीति से अलग करने का फैसला किया है. अगर मैंने इस यात्रा में किसी को ठेस पहुंचाई है तो मुझे खेद है. मुझे खेद है कि अगर मेरे खिलाफ इस अभियान की वजह से BJD की हार हुई है. मैं सभी कार्यकर्ताओं सहित पूरे बीजू परिवार से माफी मांगता हूं. बता दें कि इससे पहले नवीन पटनायक ने भी कुछ दिनों पहले वीके पांडियन का बचाव किया था.