Om Prakash Rajbhar Viral Video: उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक समाज कल्याण मंत्री ओम प्रकाश राजभर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में राजभर को कुछ पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए गुस्से में अपशब्द बोलते हुए देखा जा सकता है. यह वीडियो तब चर्चा का विषय बना जब उन्होंने गाजीपुर में एक कार्यक्रम के दौरान सड़कों की गुणवत्ता पर सवाल उठाने वाले पत्रकारों को गुस्से में आकर तीखे शब्द कहे.
क्यों भड़के राजभर?
घटना गाजीपुर के सत्यदेव कॉलेज में हुई थी, जहां ओम प्रकाश राजभर कर्मवीर सत्यदेव सिंह की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे. इस दौरान पत्रकारों ने उनसे गाजीपुर की सड़कों की स्थिति पर सवाल किया, जिससे वह भड़क गए. उनका कहना था कि यदि सड़कों का काम सही नहीं हुआ है तो इसकी जिम्मेदारी ठेकेदारों की है. राजभर ने कहा, “अगर ठेकेदार ने सही काम नहीं किया, तो आप हमसे शिकायत करते हैं कि मंत्री जी की सड़कों का क्या हुआ. फिर क्या जांच नहीं होगी?”
जब एक पत्रकार ने टिप्पणी की कि “ठेकेदार कहते हैं कि मंत्री जी को पैसे दिए जाते हैं”, तो राजभर ने गुस्से में आकर पत्रकार से कहा, “ठेकेदार को बुला लाओ मेरे सामने. तुम क्या बात कर रहे हो? कोई ठेकेदार यह कहे कि ओम प्रकाश राजभर को पैसे दिए हैं, तो मैं उसे जूते से मारूंगा.”
विरोधियों ने साधा निशाना
वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही विरोधियों ने इस पर जमकर आलोचना शुरू कर दी, लेकिन अब इस मामले में एक नया मोड़ आया है. ओम प्रकाश राजभर के बेटे और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता, अरुण राजभर ने दावा किया है कि यह वीडियो पूरी तरह से फर्जी है. उन्होंने कहा कि यह वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का उपयोग करके तैयार किया गया है और इसका उद्देश्य उनके पिता को बदनाम करना है.
अरुण राजभर ने कहा कि वीडियो में जो भी बातें ओम प्रकाश राजभर से जुड़ी हुई दिखाई जा रही हैं, वह उन्होंने कही ही नहीं. उनके मुताबिक, यह पूरी घटना “डीपफेक” तकनीक द्वारा बनाई गई है, जिससे उनकी आवाज का गलत इस्तेमाल किया गया है.
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मेरे पिता के खिलाफ साजिश रची गई है: अरुण
अरुण ने यह भी बताया कि कुछ विपक्षी उनके पिता की छवि को धूमिल करने के लिए लगातार ऐसे प्रयास कर रहे हैं. हालांकि, इस मामले में ओम प्रकाश राजभर ने अभी तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन उनके परिवार का कहना है कि यह वीडियो पूरी तरह से साजिश के तहत फैलाया गया है.
इस पूरे विवाद के बाद एक बार फिर से गाजीपुर की सड़क निर्माण और सरकारी कामकाज की गुणवत्ता को लेकर चर्चा तेज हो गई है. साथ ही, सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.