Sandeshkhali Violence: पश्चिम बंगाल में नॉर्थ 24 परगना जिले में स्थित संदेशखाली पिछले कई दिनों से सियासी खींचतान का केंद्र बना हुआ है. स्थानीय महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न, हिंसा, जमीन हड़पने और ED पर हमले के आरोपी शाहजहां शेख की गिरफ्तारी को लेकर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार चारों ओर से घिर गई है. संदेशखाली मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को सख्त आदेश देते हुए कहा है कि बाहुबली टीएमसी नेता शाहजहां शेख की गिरफ्तारी तुरंत होनी चाहिए.
गिरफ्तारी पर रोक वाली याचिका भी खारिज
सोमवार, 26 फरवरी को कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली मामले में संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू की. जज ने टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी और बंगाल के अन्य दो मंत्रियों की टिप्पणी पर भी सख्त रुख अपनाया और कहा कि कोर्ट ने कभी शाहजहां शेख की गिरफ्तारी पर रोक नहीं लगाई है. शाहजहां की गिरफ्तारी होनी चाहिए. बता दें कि शाहजहां शेख की ओर से फाइल याचिका में गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की गई थी. इस याचिका को कलकत्ता हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
‘शाहजहां शेख को न्यायपालिका दे रही है सुरक्षा’
दरअसल, टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने रविवार को बड़ा बयान देते हुए कहा था कि फरार शाहजहां शेख की गिरफ्तारी में देरी न्यायपालिका की वजह से हो रही है. उन्होंने दावा किया था कि शाहजहां शेख को न्यायपालिका की ओर से सुरक्षित किया जा रहा है ताकि संदेशखाली का मुद्दा राजनीति में बना रहे. उन्होंने आगे कहा कि जब टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी और ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार कर लिया गया है तो आखिर शाहजहां शेख कौन है. उसको तो पुलिस की ओर से तुरंत गिरफ्तार कर लेना चाहिए था.
पिछले कई दिनों से जारी है बवाल
संदेशखाली में बीते 9 फरवरी से ही बवाल जारी है. स्थानीय नेता शाहजहां शेख राशन घोटाले में 5 जनवरी को ED की छापेमारी के दौरान उन पर हुए हमले के बाद से फरार है. उसके फरार होने के बाद से स्थानीय महिलाओं ने शाहजहां शेख और उनके समर्थकों के खिलाफ प्रदर्शन किया. महिलाओं ने आरोप लगाया कि शाहजहां और उसके लोग वहां की महिलाओं का यौन शोषण, इलाके में हिंसा और जमीन हड़पने का काम करते थे.