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वक्फ बिल का विरोध, मुस्लिमों को आरक्षण और RSS पर बैन…उलेमा बोर्ड ने MVA को समर्थन देने के लिए रखीं ये शर्तें

ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड

ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड

Maharashtra Election: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, राजनीतिक हलचलें भी तेज होती जा रही हैं. इस बीच, ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने महाविकास अघाड़ी (MVA) को एक पत्र लिखकर अपना समर्थन देने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन इसके लिए कुछ खास शर्तें रखी हैं. इन शर्तों को लेकर राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है.

ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने उद्धव ठाकरे, शरद पवार, और नाना पटोले को एक पत्र भेजा है, जिसमें 17 प्रमुख मांगों को शामिल किया गया है. पत्र के मुताबिक, अगर महाविकास अघाड़ी इन शर्तों को मानता है, तो बोर्ड उनका समर्थन करेगा और चुनावी प्रचार भी करेगा.

ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड की 17 शर्तें-

वक्फ बिल का विरोध – उलेमा बोर्ड ने MVA से वक्फ बिल का विरोध करने की मांग की है.
मुस्लिम आरक्षण – नौकरी और शिक्षा में मुसलमानों के लिए 10% आरक्षण की मांग.
मस्जिद, कब्रिस्तान और दरगाह की ज़मीन का सर्वे – महाराष्ट्र के 48 जिलों में मस्जिदों और कब्रिस्तानों की ज़मीन को लेकर सर्वे कराया जाए.
वक्फ मंडल के विकास के लिए फंड – राज्य वक्फ मंडल के विकास के लिए 1000 करोड़ रुपये का फंड दिया जाए.
दंगों के आरोपों में जेल में बंद मुस्लिमों की रिहाई – 2012 से 2024 के बीच दंगे फैलाने के आरोपों में बंद निर्दोष मुसलमानों की रिहाई की मांग.
मौलाना सलमान अजहरी की रिहाई – मौलाना सलमान अजहरी को जेल से बाहर निकालने के लिए 30 सांसद प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखें.
इमामों और मौलानाओं को सरकारी सहायता – महाराष्ट्र में मस्जिदों के इमाम और मौलानाओं को हर महीने 15,000 रुपये का अनुदान देने का वादा.
पुलिस भर्ती में मुस्लिम युवाओं को प्राथमिकता – पुलिस भर्ती में मुस्लिम युवाओं को प्राथमिकता दी जाए.
शिक्षित मुस्लिमों को पुलिस भर्ती में प्राथमिकता – महाराष्ट्र में शिक्षित मुस्लिम समुदाय को पुलिस भर्ती में प्राथमिकता दी जाए.
रामगिरी महाराज और नितेश राणे के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.
सरकारी समिति में मुस्लिम धार्मिक नेताओं को शामिल करना – सरकार बनने के बाद मुस्लिम धार्मिक नेताओं को सरकारी समिति में शामिल किया जाए.
मुस्लिम उम्मीदवारों को विधानसभा चुनाव में टिकट – 2024 के विधानसभा चुनाव में 50 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया जाए.
वक्फ बोर्ड में भर्ती – राज्य वक्फ बोर्ड में 500 कर्मचारियों की भर्ती की जाए.
वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण हटाने के लिए कानून – वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण हटाने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा में कानून पारित किया जाए.
पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ बोलने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई – पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादित बयान देने वालों पर कानूनी प्रतिबंध लगाए जाएं.
आरएसएस पर प्रतिबंध – सरकार बनने के बाद आरएसएस पर प्रतिबंध लगाया जाए.
महाराष्ट्र के 48 जिलों में इंडिया गठबंधन के प्रचार के लिए जरूरी मशीनरी उपलब्ध कराई जाए.

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क्या समर्थन मिलेगा?

ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड का कहना है कि अगर महाविकास अघाड़ी इन शर्तों पर अमल करता है, तो वे पार्टी के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करेंगे और चुनाव में उनका समर्थन करेंगे. बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया कि इसके लिए नाना पटोले, उद्धव ठाकरे और शरद पवार से एक आश्वासन पत्र की जरूरत होगी, जिसमें उनकी मांगों को स्वीकार किया जाए. इस प्रस्ताव के बाद राज्य में राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गई है. उलेमा बोर्ड का यह कदम महाविकास अघाड़ी के लिए एक बड़ा मोड़ हो सकता है, खासकर चुनावी साल में, जब हर वोट की अहमियत बढ़ जाती है.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में अब यह देखना होगा कि महाविकास अघाड़ी उलेमा बोर्ड की इन शर्तों पर क्या प्रतिक्रिया देती है. अगर बोर्ड को इन मांगों पर सहमति मिलती है, तो यह महाराष्ट्र की राजनीति में एक नई दिशा और मुसीबत दोनों का कारण बन सकता है.

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