OTT Platform: OTT प्लेटफॉर्म की निगरानी के लिए बोर्ड के गठन को सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया. OTT प्लेटफॉर्म के कार्यक्रमों की निगरानी के लिए बोर्ड के गठन की मांग वाले याचिका की सुनवाई करते हुए एससी ने यह फैसला सुनाया है. सुनवाई करते हुए एससी ने कहा यह नीतिगत मामला है. जिसे सरकार देखेगी.
OTT के कार्यक्रमों की निगरानी के लिए बोर्ड के गठन की याचिका में कहा गया था कि भारत में फिल्मों का सर्टिफिकेशन केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड यानी CBFC करता है. मगर OTT प्लेटफॉर्म के कार्यक्रमों को सर्टिफिकेट देने की कोई व्यवस्था नहीं है.
वकील शशांक शेखर झा ने OTT पर निगरानी और नियंत्रण की मांग वाली याचिका दाखिल की थी. इस याचिका में वकिल शशांक ने OTT और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के लिए एक स्वायत्त रेगुलेटरी बोर्ड बनाने की मांग की गई थी. उलका कहना था कि भारत मे फिल्मों के सर्टिफिकेशन CBFC करता है. OTT के कार्यक्रम को सर्टिफिकेट देने की कोई व्यवस्था स्थापित नहीं है.
साल 2020 में शशांक ने यह याचिका दाखिल की थी. याचिकाकर्ता ने एससी ने कहा था कि न तो सरकार ने OTT की सामग्री पर निगरानी की उचित व्यवस्था बनाई है, न ही ऐसे नियम बनाए हैं, जिनमें गलत सामग्री के लिए जुर्माना लगाने या मुकदमा चलाने जैसे प्रावधान हों.
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हिंसा और न्यूडिटी से भरा OTT
वकील शशांक ने नई याचिका में कहा था कि उसकी पुरानी याचिका के बाद 2021 में केंद्र सरकार ने IT गाइडलाइंस बनाए थे. जिसका OTT पर कोई असर नहीं पड़ा. नियमों की कमी का फायदा उठाकर OTT प्लेटफॉर्म बिना किसी रोक-टोक विवादित कार्यक्रम दिखा रहा है. OTT पर हिंसा, अश्लीलता और अभद्र भाषा से भरे कार्यक्रम परोसे जा रहे हैं. जिसका असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी पड़ता है. OTT पर हिंसा और न्यूडिटी के साथ ड्रग्स के सेवन और जुआ खेलने जैसी बुरी लत को भी प्रोत्साहन मिल रहा है.