Parliament Session: नए लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में अब बस दो ही दिन बचे हैं. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और विपक्ष का इंडिया ब्लॉक संसद के निचले सदन में इस महत्वपूर्ण पद पर आम सहमति बनाने के करीब है. लोकसभा में 26 जून को अध्यक्ष का चुनाव होने वाली है. सूत्रों ने कहा कि अगर उपसभापति का पद विपक्ष को आवंटित किया जाता है, तो इंडिया ब्लॉक 18वीं लोकसभा में अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार को नामित नहीं करेगा.
स्पीकर के चुनाव के लिए एक तरफ बीजेपी और एनडीए का अपना रणनीति है. वहीं विपक्ष की अपनी शर्तें. विपक्ष डिप्टी स्पीकर का पद चाह रहा है और इस स्थिति में लोकसभा स्पीकर के नामित सदस्य के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने की बात कह रहा है.
बिना किसी प्रतियोगिता के अध्यक्ष चुने गए
अगर भारतीय ब्लॉक लोकसभा के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव करवाता है, तो यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा पहला उदाहरण होगा क्योंकि पीठासीन अधिकारी हमेशा सर्वसम्मति से चुना जाता रहा है. 16वीं लोकसभा (2014) और 17वीं लोकसभा (2019) में जब भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल किया, तो पार्टी के सांसद सुमित्रा महाजन और ओम बिरला बिना किसी मुकाबले के अध्यक्ष चुने गए. लेकिन इस बार का मसला अलग है. इस बार बीजेपी ने एनडीए सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार बनाई है. वहीं विपक्ष के पास भी अच्छी-खासी सीटें हैं. इसलिए ही विपक्ष लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का पद मांग रहा है.
डिप्टी स्पीकर पद की चाह में इंडिया ब्लॉक
लोकसभा में अपनी बढ़ी हुई ताकत से उत्साहित विपक्षी इंडिया ब्लॉक अब आक्रामक रूप से उपाध्यक्ष के पद की मांग कर रहा है. परंपरा के अनुसार, यह विपक्षी पार्टी के सदस्य के पास होता है. जैसा कि हालात हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अध्यक्ष या उपाध्यक्ष के मुद्दे पर विपक्ष के साथ टकराव नहीं चाहती है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सबकुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि विपक्ष सरकार के प्रस्तावों पर किस तरह प्रतिक्रिया देता है.
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UPA-I और II के दौरान भाजपा के उपाध्यक्ष
2004 से 2014 के बीच कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार के दो कार्यकालों में उपाध्यक्ष का पद भाजपा सांसदों चरणजीत सिंह अटवाल और करिया मुंडा को दिया गया था. 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून यानी आज से शुरू होगा और 3 जुलाई को समाप्त होगा. पहले दो दिन नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण के लिए आरक्षित किए गए हैं, जबकि लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव 26 जून को होना है.
जहां तक एनडीए का सवाल है, सहयोगी दल विचार-विमर्श के बाद अध्यक्ष पद के लिए भाजपा नेता के विचार पर सहमत हो सकते हैं. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के नेताओं ने कहा है कि उम्मीदवार का फैसला एनडीए के सहयोगियों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाना चाहिए. वहीं जेडीयू नेता केसी त्यागी ने संकेत दिया है कि पार्टी भाजपा द्वारा नामित उम्मीदवार का समर्थन कर सकती है.
TDP और JDU का क्या है रुख?
स्पीकर चुनाव को लेकर एनडीए के घटक दलों ने बीजेपी को फ्री हैंड दे दिया है. एनडीए के घटक दल बीजेपी की ओर से स्पीकर पद के लिए नामित किए जाने वाले सांसद के समर्थन की बात कह रहे हैं. जेडीयू ने साफ कर दिया है कि स्पीकर के लिए बीजेपी जिसका नाम आगे बढ़ाएगी, पार्टी उसका समर्थन करेगी. वहीं, टीडीपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पट्टाभिराम कमारेड्डी भी कह चुके हैं कि एनडीए के घटक दल साथ बैठकर तय करेंगे कि हमारा उम्मीदवार कौन होगा. आम सहमति से जिसका नाम तय होगा, टीडीपी समेत सभी सहयोगी दल उसका समर्थन करेंगे.
स्पीकर की दौड़ में सबसे आगे कौन?
कुछ रिपोर्टों के अनुसार ओम बिड़ला लोकसभा अध्यक्ष बने रहेंगे. बिड़ला ने राजस्थान के कोटा से भाजपा उम्मीदवार के रूप में 2024 का लोकसभा चुनाव जीता.स्पीकर पद के लिए जिन अन्य नामों पर विचार किया जा रहा है, उनमें दग्गुबाती पुरंदेश्वरी भी शामिल हैं. टीडीपी के संस्थापक एनटी रामा राव की बेटी पुरंदेश्वरी आंध्र प्रदेश से भाजपा की नेता हैं और पार्टी की राज्य इकाई की अध्यक्ष भी हैं. बीजू जनता दल (बीजेडी) छोड़कर भाजपा के टिकट पर 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने वाले सात बार के सांसद भर्तृहरि महताब भी शीर्ष पद के लिए सबसे आगे चल रहे उम्मीदवारों में शामिल हैं.